मणिपुर में असम राइफल्स को लेकर विवाद, पुलिस ने दर्ज कराई एफआईआर: जानिए क्या है मामला

मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर (सांकेतिक तस्वीर-मिडडे)

मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) के दौरान राज्य पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि मैतेई लोगों पर हमले के बाद भाग रहे कुकी हमलावरों को पकड़ने के लिए जब अभियान चलाया जा रहा था, तब असम राइफल्स ने उसके जवानों को रोक लिया। अपनी गाड़ियाँ सड़क पर खड़ी कर दीं और मणिपुर पुलिस को काम करने से रोककर कुकी हमलावरों को भागने में मदद की। मणिपुर पुलिस का आरोप है कि इसकी वजह से कुकी हमलावर मणिपुर पुलिस की गिरफ्त से निकलने में कामयाब रहे।

इस बीच खबरें आईं कि हिंसा प्रभावित इलाके से मणिपुर सरकार के आदेश पर असम राइफल्स की चौकी हटा दी गई है। इससे पहले, म्यांमार से मणिपुर में घुसे 718 लोगों की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने सख्त नाराजगी जताई थी और असम राइफल्स से पूछा था कि ये लोग मणिपुर में कैसे घुस आए, जब सीमा पर आपकी ही तैनाती थी। मणिपुर सरकार ने इन 718 लोगों को तुरंत राज्य से बाहर म्यांमार वापस भेजने का आदेश दिया था।

मणिपुर पुलिस ने दर्ज कराई एफआईआर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम के बिष्णुपुर जिले में हिंसा प्रभावित इलाके क्वाक्ता में 5 अगस्त 2023 को मैतेई समुदाय से जुड़े तीन लोगों की हत्या के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी थी। उसके बाद हमलावरों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन को अंजाम दे रही मणिपुर पुलिस को बफर जोन में असम राइफल्स के जवानों ने रोक दिया था। मणिपुर पुलिस ने आरोप लगाया है कि असम राइफल्स के जवानों के इस काम से उसके काम में बाधा पहुँची। पढ़ें एफआईआर की कॉपी…

इस वायरल वीडियो के बाद फैली मतभेद की खबरें

इस बीच मीडिया और सोशल मीडिया पर खबरें चलने लगीं कि सुरक्षा बलों के बीच ही मतभेद हो गया है। इसके लिए इस वायरल वीडियो का हवाला दिया जा रहा है।

तेजी से फैली असम राइफल्स को हटाने की खबर

इस दौरान एक खबर तेजी से फैली कि असम राइफल्स की एक चौकी को हटा दिया गया है, जो कि हिंसा प्रभावित इलाकों के बफर जोन में थी। इस चौकी को हटाने के लिए लोग प्रदर्शन कर रहे थे। यहाँ अब सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। हालाँकि, सेना की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हिंसा वाली जगह और जिस चौकी की बात हो रही है, वहाँ सेना की तैनाती थी, असम राइफल्स की नहीं।

भारतीय सेना की ओर से आई सफाई, गुमराह न हों लोग

हालाँकि, भारतीय सेना के स्पियर कॉर्प्स की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि असम राइफल्स के लोग पूरी तत्परता से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कुछ भी अवैध नहीं किया। प्रेस रिलीज में तीन बातों पर जोर दिया गया है, पहला ये कि असम राइफल्स के जवानों ने मणिपुर पुलिस के जवानों को रोककर अपनी ड्यूटी निभाई है, क्योंकि वो बफर जोन में थे।

दूसरी बात ये है कि सुरक्षा बलों के बीच ऐसी तनावपूर्ण जगहों पर मतभेद हो भी जाते हैं तो वो तुरंत सुलझा लिए जाते हैं। अभी कोई मतभेद नहीं है। सभी बल सामंजस्य के साथ काम कर रहे हैं। तीसरी बात ये कि जिस असम राइफल्स की चौकी की बात की जा रही है कि उसे हटा कर दिया गया है, उसके बारे में गलत खबर का प्रसारण हो रहा है, क्योंकि उस जगह पर असम राइफल्स की तैनाती नहीं है, बल्कि सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला हुआ है।

म्यांमार से हुई घुसपैठ से राज्य सरकार नाराज

मणिपुर में म्यांमार की तरफ से घुसपैठ की खबरों पर राज्य सरकार ने नाराजगी जताई है और असम राइफल्स से इन्हें तुरंत म्यांमार भेजने को कहा है। राज्य सरकार का कहना है कि सीमा पर असम राइफल्स की तैनाती है, उसके बावजूद 718 लोग कैसे भारत की सीमा पार कर मणिपुर में आ गए। राज्य सरकार ने 24 जुलाई 2023 को असम राइफल्स को इन घुसपैठियों को भारत से तुरंत बाहर करने के निर्देश दिए थे। ये 718 लोग 22 और 23 जुलाई को अवैध तरीके से भारत की सीमा में दाखिल हुए थे। इनमें 301 बच्चे बताए जा रहे हैं।

न्यायिक समिति बनी, SIT का भी गठन

मणिपुर हिंसा मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सोमवार (7 अगस्त 2023) को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंसा की जाँच तथा राहत एवं पुनर्वास के काम की देखरेख के लिए हाईकोर्ट की 3 रिटायर्ड महिला जजों की न्यायिक समिति बनाई गई है। साथ ही सीबीआई (CBI) जाँच की निगरानी के लिए अधिकारी की नियुक्ति की है।

वहीं, राज्य सरकार 42 SIT का गठन उन मामलों की जाँच के लिए करेगी, जो सीबीआई के पास नहीं हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर SIT में कम से कम एक इंस्पेक्टर दूसरे राज्य से होना चाहिए। इसके साथ ही, दूसरे राज्यों से डीआजी रैंक के 6 अधिकारी शामिल किए जाएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया