मणिपुर वीडियो कांड की जाँच CBI के हवाले, केंद्रीय गृह मंत्रालय का फैसला: जिसने वीडियो शूट किया वो भी धराया, फोन जब्त

मणिपुर वीडियो काण्ड की जाँच करेगी CBI, केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्णय

मणिपुर वीडियो काण्ड की जाँच अब CBI को सौंप दी गई है। राज्य में 3 महिलाओं को नग्न कर भीड़ द्वारा उनका जुलूस निकाले जाने और उनके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिए जाने की वारदात की जाँच अब सीबीआई करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ( 27 जुलाई, 2023) को बताया है कि इस मामले की जाँच ‘केंद्रीय जाँच एजेंसी’ को रेफर कर दी गई है। 26 सेकेण्ड का उक्त वीडियो घटना के ढाई महीने बाद वायरल हुआ था, जिसके बाद आरोपितों की धर-पकड़ शुरू हुई थी।

ये भी जानकारी सामने आई है कि सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दायर कर केंद्र सरकार ये माँग करेगी कि इस मामले की जाँच को मणिपुर से बाहर ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए असम को चुना जा सकता है। जिस मोबाइल फोन से इस वीडियो को शूट किया गया था, उसे जब्त कर लिया गया है। साथ ही जिस व्यक्ति ने महिलाओं का नग्न परेड कराए जाने वाला वीडियो शूट किया था, उसकी पहचान के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार इस मामले में कुकी और मैतेई, दोनों समुदायों के संपर्क में है और शांति बहाली के लिए हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष संसद भी नहीं चलने दे रहा है, जिसके बाद अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, दोनों को पत्र लिख कर मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए सहयोग माँगा था। 

अमित शाह ने मणिपुर को भारत का बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य बताते हुए लिखा था कि इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत संपूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है। अमित शाह ने पत्र के माध्यम से बताया कि पिछले 6 वर्षों से मणिपुर भाजपा के शासनकाल में शांति और विकास का अनुभव कर रहा था, लेकिन कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई महीने में हिंसा की घटनाएँ घटीं। अमित शाह ने कहा कि जनता को ये अपेक्षा है कि देश दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर मणिपुर के लोगों के साथ खड़ी हो।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया