मणिपुर में उपद्रवियों ने केंद्रीय मंत्री के घर में देर रात लगाई आग: विदेश राज्यमंत्री बोले- प्रदेश में कानून-व्यवस्था ठीक नहीं, 100+ लोगों की हो चुकी मौत

राजकुमार रंजन सिंह (साभार: Wikibio)

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी इंफाल में हिंसक भीड़ गुरुवार (15 जून 2023) की रात शहर के कोंगबा इलाके में स्थित केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में घुस गई और उसे जला दिया। इस पर मंत्री ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह की घर को उपद्रवियों ने गुरुवार की रात लगभग 10 आग के हवाले कर दिया। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि मणिपुर में कानून व्यवस्था फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मदद के बावजूद राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है।

मंत्री ने कहा, “मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूँ। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के भूतल और पहली मंजिल को नुकसान पहुँचाया गया है।”

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए आरके रंजन सिंह ने कहा, “मेरे गृह राज्य में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर बहुत दुख होता है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूँगा। इस तरह की हिंसा में लिप्त लोग बिल्कुल अमानवीय हैं।”

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा गार्डों और दमकलकर्मियों ने गुरुवार की रात भीड़ द्वारा आगजनी की कोशिशों पर काबू पाया और मंत्री के घर को पूरी तरह जलने से बचा लिया। यह घटना इंफाल शहर के मध्य में घरों को जलाने और मणिपुर की रैपिड एक्शन फोर्स तथा भीड़ के बीच हुई झड़पों के बाद हुई।

इससे पहले बुधवार (14 जून 2023) को इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक क्वार्टर में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी। यह घटना जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर के खमेनलोक इलाके के एक गाँव में बदमाशों के हमले में 9 लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद हुई।

जिस समय कुकी समुदाय के नेता किपगेन के क्वार्टर में आग लगाई गई, उस समय उसमें कोई मौजूद नहीं था। आग आसपास फैलती, इससे पहले ही दमकलकर्मियों ने मौके पर पहुँचकर आग पर काबू पा लिया। अभी तक किसी गुट ने आगजनी की जिम्मेदारी नहीं ली है।

किपगेन के घर को जलाने से पहले देर रात में करीब एक बजे हथियारबंद बदमाशों ने इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से सटे खमेनलोक क्षेत्र के कुकी गाँव को घेर कर हमला कर दिया था। इस दौरान हुई गोलीबारी में दोनों पक्षों के कई लोग घायल होना पड़ा।

बताते चलें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच एक महीने से जारी जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 310 अन्य घायल हो गए हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

मैतेई जाति ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जा देने की माँग की थी। इसके विरोध में कुकी समुदाय के लोगों ने 3 मई 2023 को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया था। इस दौरान हिंसा भड़क गई, जो आजतक जारी है। मैतेई मणिपुर की आबादी में लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं।

वहीं, मणिपुर के आदिवासी समुदाय- नागा और कुकी समाज की आबादी 40 प्रतिशत है और वे भी पहाड़ी जिलों में रहते हैं। नागा और कुकी समाज को ST का दर्जा मिला हुआ है और वे कुकी को ST का दर्जा दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया