‘जेल में ड्रग्स की सप्लाई करते हैं पुलिस अधिकारी, मुँह पर फूँकते हैं धुआँ’: कोर्ट में पेशी के दौरान गरजे मनीष कश्यप, कहा – ‘चारा चोर का बेटा नहीं हूँ, सेना में थे दादा और पिता’

मनीष कश्यप ने इस दौरान बिहार में पुलों के ध्वस्त होने और दरोगा की हत्या का मामला उठाया

बिहार की राजधानी पटना की अदालत में पेशी के दौरान पुलिस द्वारा लाए गए यूट्यूबर मनीष कश्यप जम कर गरजे। इस दौरान उन्होंने बिहार की महागठबंधन सरकार को भी चुनौती दी। अपनी माँ से मुलाकात करने वक्त दोनों ही भावुक हो गए। इस दौरान मनीष कश्यप ने कहा, “फौजी का बेटा हूँ, चारा चोर का नहीं। मर जाऊँगा लेकिन मैं इन लोगों के सामने झुकूँगा नहीं।” इस दौरान मनीष कश्यप ने कहा कि वो जेल से निकलने के बाद सरकार चला कर बताएँगे कि सरकार कैसे चलाई जाती है।

मनीष कश्यप ने अपनी हथकड़ी दिखाते हुए कहा कि ये इस बार एक ईमानदार आदमी के हाथ में लगी है। उन्होंने कहा कि वो 6 महीने से कुछ नहीं बोल रहे, चुपचाप कोर्ट में आते हैं और चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि वो नहीं डरेंगे। उन्होंने बताया कि उनके दादाजी ने चीन के खिलाफ युद्ध लड़ा था, उनके पिता ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने पूछा कि बिहार पुलिस के पास हिम्मत है उन लोगों के खिलाफ केस करने की जिन्होंने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों को पीटा?

मनीष कश्यप ने इस दौरान भागलपुर में 1700 करोड़ रुपए के पुल के ध्वस्त होने और समस्तीपुर में एक दरोगा की हत्या का मामला भी उठाया। ‘सच तक न्यूज़’ के संस्थापक मनीष कश्यप ने कहा कि तेजस्वी यादव अपनी जाति की बात करते हैं, लेकिन यादवों की हत्या पर भी वो चुप रहते हैं। उन्होंने उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी किए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने आग लगाया है या नहीं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?

मनीष कश्यप ने इस दौरान जेल में के अपने अनुभव साझा करते हुए ये भी बताया कि उन्हें गँजेड़ी-नशेड़ी कैदियों के बीच रखा जाता है, जो उनके मुँह पर धुआँ मारते हैं। उन्होंने कहा कि इससे उनका सिरदर्द करता है। मनीष कश्यप ने कहा कि इसके बावजूद जेल में गाँजा-भांग पहुँचाया जाता है। मनीष कश्यप ने कहा कि वो वादा करते हैं कि वो सरकार बनाएँगे और चला कर दिखाएँगे। उन्होंने इस दौरान कहा कि अधिकतर कॉन्स्टेबल ईमानदार हैं और उन्हें निलंबित कर दिया जाता है, जबकि अधिकतर अधिकारी भ्रष्ट हैं और वो कार्रवाई से बच जाते हैं।

मनीष कश्यप ने कहा, “बिहार का हर माँ-बाप आज परेशान है।” मनीष कश्यप ने इस दौरान पुलिस के वज्र-वाहन की ओर भी इशारा किया और कहा कि ये टूटी-फूटी गाड़ियाँ हैं। उन्होंने बताया कि ये गाड़ी अचानक रास्ते में बंद हो जाती है, धक्का लगाना पड़ता है, इसमें 60 कैदियों को भर दिया जाता है। उन्होंने उस गाड़ी को मैकेनिक के पास ले जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उन पर फिर से FIR कर के उन्हें दबाने की कोशिश की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार के मजदूर मार खाते हैं, बिहार सरकार देखती है और मनीष कश्यप को जेल में डाल देती है।

मनीष कश्यप बोले, “मैं इतने दिन से चुप हूँ। आज बोलूँगा। NSA से मैं डरने वाला नहीं हूँ। मैं नशा के विरोध में अभियान चलता हूँ, लेकिन जेल में पुलिस अधिकारी स्मैक, गाँजा और सिगरेट वगैरह पहुँचवाते हैं। कॉन्स्टेबल नहीं, ये स्टार वाले। वहाँ गाँजा-सिगरेट पीकर मेरे मुँह पर फूँक दिया जाता है। सुरक्षा का कोर्ट में कोई इंतजाम नहीं रहता है। पत्रकार की स्वतंत्रता की बात करने वाले नीतीश कुमार चेक कराएँ जेल में। 2 ग्राम स्मैक से सालों की सज़ा हो जाती है, लेकिन जेल में इतना स्मैक आता है और कुछ नहीं होता।”

मनीष कश्यप ने इस दौरान ये भी कहा कि बिहार में आज कोई सुरक्षित नहीं है, पत्रकारों का भी जीवन खतरे में है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विनती की कि उनका केस बिहार या तमिलनाडु से बाहर कहीं और ट्रांसफर किया जाए, यहाँ उन्हें इंसाफ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के चक्कर में पूरे बिहार के युवाओं को गँजेड़ी बना दिया गया है। बता दें कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाने के कारण मनीष कश्यप को गिरफ्तार कर तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया गया था, अब वो बिहार की जेल में बंद हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया