‘क्योंकि वाजे ने ही मुझसे कहा…’: मनसुख हिरेन और उनके भाई के बीच हुई थी बात… क्या है फाइव स्टार होटल में 4 दिन रुकने का राज?

वाजे को लेकर मनसुख हिरेन ने भाई से फोन पर की थी बातचीत

मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी कार रखने और उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में आरोपित सचिन वाजे की एक डायरी NIA के हाथ लगी है। इसमें उसने कथित तौर पर वित्तीय लेनदेन की एक सूची बनाई हुई है। ये डायरी निलंबित पुलिस अधिकारी के दफ्तर से मिली। अब NIA इसकी जाँच के लिए ED से संपर्क कर रही है। इस डायरी में कई बैंक खातों के विवरण भी हैं। परमबीर सिंह ने भी अपने पत्र में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वाजे को 100 करोड़ की वसूली का टारगेट दे रखा था।

भाजपा ने पहले ही माँग की है कि इस मामले की जाँच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए। जाँच एजेंसियों को शक है कि भेद खुलने के डर से सचिन वाजे ने मनसुख हिरेन की हत्या कर दी। अब ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ ने इस मामले की जाँच कर रही ATS के हाथ लगे एक फोन कॉल ट्रांसक्रिप्ट के हवाले से बड़ा दावा किया है। ये बातचीत मनसुख हिरेन और उनके भाई विनोद की है। ये बातचीत कुछ इस प्रकार है:

विनोद: आप सो गए क्या? क्या हुआ?
मनसुख हिरेन: अब हमें किसी भी प्रकार का बयान दर्ज कराने के लिए नहीं जाना पड़ेगा। सब ठीक है।
विनोद: आपने अपने बयान में क्या लिखवाया? बताया कि उस स्कॉर्पियो का प्रयोग वाजे कर रहा था?
मनसुख हिरेन: नहीं। मैंने इस चीज का जिक्र नहीं किया।
विनोद: आपने ऐसा क्यों नहीं किया?
मनसुख हिरेन: क्योंकि सचिन वाजे ने ही मुझसे कहा है कि मैं किसी से इस बात का जिक्र न करूँ कि उस स्कॉर्पियो का प्रयोग वो कर रहा था।

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NIA के पास मामला जाते ही मनसुख हिरेन की हत्या की जाँच कर रहे महाराष्ट्र ATS ने दावा कर डाला है कि बुकी नरेश धरे और निलंबित पुलिस अधिकारी विनायक शिंदे की गिरफ्तार के साथ ही उसने इस मामले को सुलझा लिया है। ATS ने कहा कि धरे ने वाजे को गुजराती सिम कार्ड उपलब्ध कराया और उसी से फोन कॉल कर के वाजे ने मनसुख हिरेन को बुलाया, जिसके बाद उनकी हत्या हुई। भाजपा ने सचिन वाजे के नाम पर कई कंपनियों के रजिस्टर होने के आरोप लगाए हैं।

उधर NIA ने एक पाँच सितारा होटल की तलाशी ली, जहाँ वाजे कुछ दिनों पहले रुका था। जाँच टीम ने नरीमन प्वाइंट के ट्राइडेंट होटल के एक कमरे में तलाशी ली। इसी कमरे में वाजे 16-20 फरवरी, 2021 को रुका था। बताया गया है कि उसने जाली आधार कार्ड से ये कमरा बुक किया था, जिसमें फर्जी नाम से उसकी तस्वीर थी। होटल के दस्तावेज और CCTV फुटेज लिए गए हैं। होटल के कमरे से भी कुछ दस्तावेज मिले हैं।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि जब वाजे वहाँ रुका था, उसी दौरान लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन के लिए मुंबई में कई जगहों पर उसके ही नेतृत्व में छापेमारी हुई थी। NIA अब मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में ATS से सारी जानकारी ले रही है और पीड़ित परिजनों से भी एक टीम ने मुलाकात की। भाई विनोद ने बताया कि अब तक NIA ने मनसुख हिरेन की हत्या का अलग से आधिकारिक मामला दर्ज नहीं किया है, लेकिन कहा कि कुछ दिनों में वो फिर मिलेंगे।

साल 2004 से निलंबित चल रहे सचिन वाजे को कोरोना महामारी में पुलिस अधिकारियों की आवश्यकता का हवाला देते हुए पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने बहाल कर दिया था। इस दौरान वाजे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख नियुक्त किया गया था। वाजे की बहाली और हाई प्रोफाइल मामलों को असाइन करने की परिस्थितियाँ भी जाँच के दायरे में हैं। बता दें कि निलंबित होने के बाद वाजे शिवसेना में शामिल हो गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया