पुजारी, तू ये लाउडस्पीकर बंद कर दे, नहीं तो बोरी में बंद करके फिंकवा दिया जाएगा: नगला ब्राह्मण गाँव में समुदाय विशेष ने दी धमकी

राधा कृष्ण मंदिर और मंदिर के पुजारी

मथुरा के नागल ब्राहम्ण गाँव के बाहर हिंदू मंदिर के पुजारी को लाउडस्पीकर पर भजन बजाने पर दूसरे समुदाय द्वारा धमकाने व मारपीट करने का मामला सामने आया है। मंदिर के पुजारी बाबा पागलदास का आरोप है कि कुछ दिन पहले कुछ युवक उनके पास आए और उन्हें धमकाया कि वो आजान के समय भजन बजाना लाउडस्पीकर पर बंद कर दें वरना वे उन्हें काटेंगे और बोरी में भरकर सिल देंगे।

राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी ने ऑपइंडिया को बताई सच्चाई

इस संबंध में ऑपइंडिया ने राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी बाबा पागलदास से संपर्क किया। बाबा ने मामले की पुष्टि करते हुए हमें बताया कि उनके मंदिर के प्रांगण में कोई लाउडस्पीकर नहीं था। इसलिए एक भक्त ने उनसे एक दिन पूछा कि मंदिर में भजन में कीर्तन के लिए कोई मशीन नहीं है, तो क्या एक लाउडस्पीकर भेंट दे दूँ? व्यक्ति की बात सुनकर बाबा ने उन्हें हाँ कर दी और लाउडस्पीकर मिलने के बाद उसे मंदिर के ऊपर लगवा दिया। जिसे वह सुबह शाम कीर्तन आरती के टाइम बजाने लगे। 

एक दिन ऐसा हुआ कि कुछ युवक बाइक से निकल रहे थे। तभी दूसरे समुदाय के लड़कों ने उन्हें रोका और धमकाया कि या तो इसे बंद करो, नहीं तो हम कुछ उपाय करेंगे। बाबा को यह बात पता लगी तो उन्होंने इस मामले पर बहुत ध्यान नहीं दिया। उन्हें लगा लड़कों ने ऐसे ही कह दिया होगा। मगर, कहीं न कहीं समुदाय विशेष की बातों में गंभीरता को आँकते हुए उन्होंने सुरक्षा लिहाज से उसे दो दिन बंद कर दिया। 

मंदिर के पुजारी पागलदास

लाउडस्पीकर को लगातार दो दिन बंद देखकर दूसरे ग्रामीणों ने बाबा से पूछा कि आखिर वे भजन के समय उसे चालू क्यों नहीं करते? तो बाबा ने उन्हें बात बताई और कहा- निष्कर्ष निकलने तक देखते हैं क्या होगा। लेकिन, इससे पहले इस मामले पर कोई सोच-विचार होता। तीसरे दिन यानी 20 जुलाई को समुदाय विशेष के लोग बाबा को धमकाने उनके पास ही आ गए। 

बाबा बताते हैं कि उन्होंने उनसे कहा, “बाबा तू या तो ये लाउडस्पीकर बंद कर दो नहीं तो बोरी में बंद करके फिंकवा दिया जाएगा।” अब बाबा ने मामले में अति देखते हुए इसी बात को अन्य ग्रामीणों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार आगे काम नहीं चलेगा। ये पूरे गाँव, समाज और हिंदू का मसला है। मामले को समझकर ग्रामीणों ने कई हिंदू संगठनों के साथ मिलकर इसके समाधान पर बैठक की। इस पर महाराणा प्रताप युवा सेना संगठन ने भी संज्ञान लिया और हिंदू रक्षा सेना भी आगे आई।

ऐसे हाल रहे तो साम्प्रदायिकता भड़क सकती है- महाराणा प्रताप युवा सेना संगठन अध्यक्ष ठाकुर भरत

महाराणा प्रताप युवा सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भरत ने इस मामले पर ऑपइंडिया को बताया कि गाँव में केवल 60 घर हैं। इनमें 40 दूसरे समुदाय के हैं और 20 हिंदुओं के। वहाँ जो राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी के साथ हुआ। उसके बारे में घटना की शाम मालूम चला। इसके बाद उन्होंने इसके बारे में पता लगाया और सोशल मीडिया आदि पर इसे शेयर किया। 

शेयर किया गया फेसबुक पोस्ट

बाद में घटना के विरोध में और मामले का समाधान ढूँढने के लिए उनके साथ भारी तादाद में कार्यकर्ताओं की भीड़ गाँव में पहुँची और मंदिर पर बैठक की। इसी बीच प्रशासन की गाड़ी आ गई और उन्होंने वहीं उनकी तहरीर भी लिखी। तहरीर में बाबा के साथ हुई बदसलूकी का उल्लेख किया गया और आरोपितों में गाँव में रहने वाले बनी पुत्र असगर, इरफान, अंसार, आजाद, इब्राहिम, मो रफीक आदि दबंगों का नाम लिखवाया।

ग्रामीणों की शिकायत
ग्रामीणों की शिकायत

महिलाओं पर भी दूसरे समुदाय के पुरुष कसते हैं फब्तियाँ

गाँव की स्थिति पर बात करते हुए ठाकुर भरत हमसे बताते हैं कि गाँव में दूसरे समुदाय की ये दबंगई बहुत समय से चली आ रही है। उन्होंने कुछ बातों का जिक्र किया जो वाकई बेहद चिंताजनक थी।

उन्होंने बताया कि इस गाँव की लड़कियाँ मीठे पानी को भरने गाँव से बाहर जाती है। मगर, वहाँ दूसरे समुदाय के युवक एक झिन्नी जैसे कपड़े को लपेटकर नहाते हैं और अर्धनग्न अवस्था में लड़कियों पर फब्तियाँ कसते हैं। उनसे अश्लील बातें करते हैं।

ठाकुर भरत के अनुसार, गाँव में इतना तनाव है कि दंगे जैसे स्थिति है क्योंकि मंदिर हिंदुओं का है और आसपास हिंदू बहुल गाँव हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इन सब मामलों पर पुलिस को अवगत कराया है। मगर, कार्रवाई फिलहाल कुछ नहीं हुई है।

वे बताते हैं, प्रशासन के सामने भी गाँव वालों ने इस बात को रखा था कि वो एक साल पहले भी इन घटनाओं पर शिकायत करने जा रहे थे। उस समय एक रास्ते से जाते हिंदू युवक को रोक लिया गया और उसका हाथ-पाँव तोड़ने का प्रयास हुआ। हालाँकि, तब दूसरे गाँव के लोगों ने उस युवक को बचा लिया था। पर, अब ये वारदातें वहाँ होती रहती हैं।

बैठक

एक और उदहारण देते हुए महाराणा प्रताप युवा सेना के अध्यक्ष कहते हैं कि कुछ दिन पहले दूसरे गाँव के लड़के दूध लेकर जा रहे थे। तब भी यहाँ के कुछ लोगों ने उन्हें जबरन पीटा। जब एक ब्राहम्ण परिवार उसे बचाने आगे आए तो उनको माँ-बहन की गाली दी और इतना धमकाया कि उन्होंने पलायन करने की ठान ली। 

हालाँकि, बाद में उनके संगठन समेत अन्य लोगों ने समाधान ढूँढने की बात कहकर किसी तरह उन्हें गाँव में रहने को ही मनाया। राधा कृष्ण मंदिर पर पुजारी पागलदास के साथ हुई घटना का उल्लेख करते हुए वह कहते हैं कि फिलहाल इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि गाँव का दबंग बनी पुत्र असगर पर पहले से 60 मामले दर्ज हैं। वो हिस्ट्रीशीटर है।

पुलिस की कार्रवाई?

हमने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई जानने की कोशिश की। पुलिस ने हमें बताया कि मामले में एफआईआर हो गई है। एक गिरफ्तार हो गया। हालाँकि, जब हमने गिरफ्तार युवक का नाम पूछना चाहा तो पुलिस ने हमसे बाद में संपर्क करने को कहा और उसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। गाँव वालों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में हिंदू पक्ष के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया। दबंगों की ओर से अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

ग्रामीणों का स्थिति पर क्या कहना है?

ऑपइंडिया ने इस केस में कुछ ग्रामीणों से बात करके भी वहाँ की स्थिति को जानने का प्रयास किया। हमारा संपर्क 22 वर्षीय कन्हैया और 46 वर्षीय यादराम शर्मा से हुआ। कन्हैया ने गाँव में दूसरे समुदाय की दबंगई की सारी बातों को दोहराया और बताया कि केवल लाउडस्पीकर को बजाते 8 दिन हुए थे। फिर, एक दिन गाँव के दूसरे मजहब के दबंग परिवार के मुखिया ने मंदिर में आरती करवाने आए दो लोगों को अपने घर जाते टाइम रोक लिया।

पहले इन लोगों ने उन युवकों से पूछा कि तुम ये लाउडस्पीकर बंद करोगे या नहीं? इसके बाद धमकी दी कि जब हमारी अजान होती है तब इसे बंद कर लिया करो, नहीं तो हमारे पास और भी तरीके हैं। फिर लड़कों से दबंगों ने पूछा कि ये मंदिर किसका है? जिसपर लड़कों ने कहा मंदिर किसी एक का नहीं होता। ये मंदिर पूरे गाँव का है।

बाद में, यही बात युवकों ने कन्हैया के दोस्त की माता से बोली। कन्हैया के अनुसार, लड़कों ने उनके दोस्त की माँ को भी धमकाया कि इस बाबा से बोलो ये बंद कर दे। लेकिन माँ ने जवाब दिया कि भजन ही तो हो रहा है, इसमें समस्या क्या है। जिस पर लड़कों ने कहा इसका कोई टाइम टेबल होता है। 

कन्हैया कहते हैं, “हमारे गाँव में मस्जिद मंदिर दोनों है। मस्जिद में आजान इतने सालों से दी जाती है। हमने कभी कुछ नहीं बोला। रमजान में तो रात से ही ये सब शुरू हो जाता है। तब भी हम सब मिलकर रहे। लेकिन आज जैसे ही मंदिर में लाउडस्पीकर पर भजन शुरू हुआ तो धमकियों का सिलसिला शुरू हो गया। हमारे गाँव के हिंदुओं ने तो कभी इतने सालों में ऐसा नहीं किया। हमें लगता था ये अपनी अजान देते हैं, हम अपना भजन करते हैं। हमें क्या आपत्ति इनसे?”

कन्हैया बताते हैं कि इस मामले के हिंदू संगठनों के संज्ञान में आने के बाद इस पर बातचीत हुई। वे कहते हैं कि घटना सुनकर संगठनों में गुस्सा तो बहुत था। मगर, हमारी बात मानते हुए किसी ने भी गाँव में हुड़दंग नहीं किया और कानूनी कार्रवाई का समर्थन किया।

कन्हैया यहाँ ठाकुर भरत की बताई बात की पुष्टि करते हुए हमसे बताते हैं कि ये सब सच है। गाँव के दूसरे मजहब वालों ने अपने नल केवल अपनी महिलाओं के लिए आरक्षित किया हुआ है और सबको कहा है कि उनके नल पर उनकी औरते पानी भरेंगी कोई नहाने नहीं जाए। जबकि दूसरे यानी हिंदुओं के नल पर समुदाय विशेष के सभी लोग केवल पतले कपड़े को पहनकर नहाते हैं जब हिंदू महिलाएँ पानी भरने जाती हैं तो अश्लील हरकतें करते हैं। जब कोई विरोध करता है तो लड़ाई पर उतर आते हैं।

कन्हैया के मुताबिक, जिस परिवार के 20-25 लोगों ने मिलकर ये सब किया है। उन पर पहले भी लूटपाट आदि के 42 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। एक बार पुलिस इन्हें पकड़ने आई भी लेकिन पूरे परिवार ने मिलकर पुलिस पर ही हमला कर दिया और उनके हथियार रख लिए। ये सब 2-3 साल पुरानी बात है।

हालिया मामला एक दूध वाले का देते हुए वह बताते हैं कि दूध की कैन छू जाने से उसे दबंगों ने पीटा था और जब एक प्रत्यक्षदर्शी ने इसका विरोध किया तो उसी बेटी के साथ गलत काम करने की धमकी दी। जिससे वह आदमी डर गया और घर चला गया। लेकिन दबंगों ने उसका पीछा घर तक किया। कन्हैया के अनुसार अभी हाल में इन लोगों ने मामले के तूल पकड़ने के बाद फायरिंग भी की है।

ग्रामीण यादराम शर्मा

इसके बाद 46 वर्षीय यादराम भी ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान गाँव की तनावपूर्ण स्थिति को हमसे साझा करते हैं। वे मंदिर में पुजारी के साथ हुई घटना की पुष्टि करते हैं। साथ ही अपने साथ हुई घटना भी बताते हैं। वे कहते हैं कि अभी कल वह अपनी पत्नी उर्मिला के साथ खेत में चारा काटने गए थे। जहाँ दोनों आपस में बात करने लगे। तभी उन दबंगों की नजर उन पर चली गई जो बैठक देखकर भाग गए थे।

यादराम शर्मा कहते हैं कि यहाँ उनसे दबंगों ने गाली गलौच की और धमकी दी। दंबगों ने कहा, “तुम्हें तो हम कभी भी देख लेंगे। हमें सिर्फ़ प्रशासन से डर लग रहा है।” ग्रामीण के मुताबिक इसके बाद उन लोगों ने नाम गिनवाकर बताया कि वो 2-3 दिन में इन लोगों को मार देंगे और तुम्हें भी नहीं छोड़ेगे।

हालाँकि, इस बीच उनके हाथ में चारा काटने का दरात था। उन्होंने उससे उन्हें डराया और उनकी पत्नी भी आगे आ गई। दोनों ने किसी तरह उन्हें अपनी ओर से दूर किया। लेकिन, तब भी दूसरी ओर से लोगों की संख्या बढ़ती गई। यादराम की मानें तो, दबंग अभी भी शांत नहीं हुए हैं। उन लोगों की जान को खतरा है। गाँव में भी तनाव का माहौल है।