ओलंपियन मयूखा जॉनी की दोस्त के रेप केस में जॉनसन की अग्रिम जमानत याचिका केरल HC ने की खारिज, आरोपित था चर्च का सदस्य

मयूखा जॉनी की दोस्त से रेप के आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका केरल HC ने की खारिज (फाइल फोटो)

भारतीय ओलंपियन मयूखा जॉनी की दोस्त के रेप केस में आरोपित सीसी जॉनसन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए केरल हाईकोर्ट ने सरेंडर करने के लिए कहा है। जॉनसन पर पीड़िता के न्यूड फोटोग्राफ लेकर उसे ब्लैकमेल करने का भी आरोप है।

बुधवार (11 अगस्त 2021) को मामले की सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट के जस्टिस शिर्की वी ने कहा कि जमानत याचिका खारिज की जाती है और आरोपित को सरेंडर करना होगा। आरोपित जॉनसन की ओर से कोर्ट में बचाव में यह दलील दी गई कि जिस घटना के आधार पर मामला दर्ज किया गया है वह जुलाई 2016 में हुई थी और घटना के 5 साल बाद शिकायत दर्ज की गई है।

आरोपित का कहना है कि यह शिकायत इमैनुअल एम्परर चर्च के 2 गुटों में मतभेद का परिणाम है। आरोपित जॉनसन का यह भी दावा है कि वह और पीड़िता, दोनों ही इस चर्च के सदस्य थे और उसके चर्च छोड़ने के बाद शिकायत दर्ज की गई। हालाँकि पीड़िता की ओर से आरोपित की जमानत याचिका का विरोध किया गया और कहा गया कि आरोपित को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए।

ज्ञात हो कि ओलंपिक खिलाड़ी मयूखा जॉनी ने 28 जून 2021 को उनकी एक दोस्त के साथ वर्ष 2016 में हुए कथित रेप मामले की जाँच को लेकर केरल पुलिस और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए थे। त्रिशूर में मीडिया से बात करते हुए मयूखा, पीड़िता की तरफ से बोल रही थीं। मयूखा ने आरोप लगाया था कि त्रिशूर के कैथोलिक बिशप ने पुलिस को बुलाकर आरोपित का साथ दिया। इसके अलावा पिछली एलडीएफ सरकार के एक मंत्री ने भी कथित तौर पर जाँच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।

मयूखा ने यह आरोप भी लगाया था कि उन्होंने महिला आयोग से भी शिकायत करने की कोशिश की थी। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष जोसेफिन ने ही कथित तौर पर पुलिस को जाँच रोकने के लिए कहा था, तो वो रुक गई। मयूखा का यह भी आरोप है कि पुलिस ने चुनाव ड्यूटी और कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर जाँच में देरी की साथ ही इस मामले से जुड़े गवाहों के बयान भी नहीं दर्ज किए गए और व्हाट्सऐप मैसेज एवं सीसीटीवी फुटेज जैसे सबूत भी इकट्ठे नहीं किए गए।

मयूखा ने मीडिया में कहा था कि आरोपित जॉनसन और पीड़िता दोनों ही त्रिशूर जिले के रहने वाले हैं। साल 2016 में आरोपित ने लड़की के घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार किया था। उसने उसके न्यूड वीडियो बना लिए थे। उस दौरान पीड़िता अविवाहित थी और अपने बीमार माता-पिता की बदनामी के कारण चुप रह गई। हालाँकि, 2018 में शादी के बाद भी आरोपित फोन पर उसे धमकाता और परेशान करता रहा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया