21 साल की कॉलेज स्टूडेंट का रेप-मर्डर: बंगाल में राजनीतिक हिंसा के बीच मेदिनीपुर में महिला समेत 3 गिरफ्तार

21 साल की कॉलेज स्टूडेंट का रेप-मर्डर (प्रतीकात्मक चित्र)

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हो रही हिंसा के बीच पश्चिम मेदिनीपुर जिले से बलात्कार और हत्या की एक घटना सामने आई है। एससी/एसटी समुदाय से आने वाली कॉलेज छात्रा संध्या कुमारी (बदला हुआ नाम) का कथित तौर पर बलात्कार कर उसकी निर्दयता पूर्वक हत्या कर दी गई। घटना मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर उपखंड में पिंगला ब्लॉक के जमना गाँव की है।

स्थानीय समाचार रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा कॉलेज की 21 वर्षीय छात्रा सोमवार (3 मई 2021) दोपहर को लापता हो गई थी। जब वह शाम तक घर नहीं लौटी तो उसके घर वालों ने तलाश शुरू कर दी। काफी तलाश करने के बाद परिजनों को लड़की का शव एक मिट्टी के खंडहर हो चुके घर में मिला। रिपोर्टों के मुताबिक, मृतका का शरीर अर्धनग्न अवस्था में मिला था।

मृतक लड़की के परिजनों का आरोप है कि बेरहमी से बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुँची पिंगला पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

पिंगला पुलिस स्टेशन में पीड़ित परिजनों द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर स्थानीय पुलिस ने दो राजमिस्त्री और उनकी महिला सहयोगी को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कच्चे घर के पीछे निर्माण कार्य किया था। तीनों आरोपितों की पहचान बेल्दा से विकाश मुर्मू, झारखंड से छोटू मुंडा और सबांग से तापती पात्रा के रूप में की गई है।

खबरों के मुताबिक, खड़गपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राणा मुखर्जी ने जानकारी दी है कि आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। जब विकास और छोटू लड़की का रेप कर रहे थे, तापती दरवाजे के बाहर खड़ी होकर पहरा दे रही थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है। आईपीएस अधिकारी ने आगे कहा कि पुलिस मामले की जाँच के लिए अपराध स्थल का रीक्रिएशन कर रही है।

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यह घटना सामने आने के बाद से स्थानीय स्तर पर लोगों ने लड़की को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन किया। युवाओं ने हाथों में प्लाकार्ड और बैनर लेकर धरना और विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें जस्टिस फॉर संध्या कुमारी (बदला हुआ नाम) लिखा था।

घटना के बाद, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि संध्या कुमारी (बदला हुआ नाम) एक भाजपा समर्थक थी। इसलिए उसका बलात्कार और हत्या भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के खिलाफ चल रही टीएमसी हिंसा का हिस्सा थी। हालाँकि, अभी तक इस दावे का समर्थन करने वाले कोई सबूत सामने नहीं आए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया