‘यदि हम भागते नहीं तो वे हमें जिंदा जला देते’: नूहं में काली मंदिर पर भी हुआ था हमला, पुजारी ने बताया- अल्लाहू अकबर के नारे लगा रही थी भीड़

नूहं के काली मंदिर पर भी मुस्लिम भीड़ ने किया था हमला

हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई 2023 को इस्लामी भीड़ ने जलाभिषेक यात्रा में शामिल हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला किया था। इस दौरान नल्हड़ महादेव मंदिर को मुस्लिम दंगाइयों ने निशाना बनाया था। वहाँ कई घंटे तक हिन्दू श्रद्धालु बंधक जैसी स्थिति में फँसे रहे थे। नल्हड़ मंदिर से करीब 45 मिनट की दूरी स्थित शृंगार मंदिर को भी निशाना बनाया गया था। इसके अलावा नूहं के एक और बाबा गोरखनाथ काली मंदिर को भी दंगाइयों की भीड़ ने निशाना बनाया था।

काली मंदिर के मुख्य द्वार और दीवारों पर अभी भी हिंसा के निशान मौजूद हैं। 9 अगस्त 2023 को जब ऑपइंडिया इस मंदिर में पहुँची तो तोड़फोड़ और आगजनी के निशान कई जगह देखने को मिले। भीड़ के निशाने पर पुजारी और उनका परिवार भी था। ऑपइंडिया को मंदिर के पुजारी ने बताया कि हमलावर भीड़ का हिंदुओं ने डटकर मुकाबला किया था। इसके कारण ही आज वे और उनका परिवार सुरक्षित है।

अल्लाहू अकबर के नारे लगा रही थी भीड़: पुजारी

काली मंदिर के पुजारी ने ऑपइंडिया को बताया कि 31 जुलाई को 500 से ज़्यादा की भीड़ ने मंदिर पर हमला किया था। वे ‘अल्लाहू अकबर’ के नारे लगा रहे थे। उनके हाथों में पत्थर सहित कई दूसरे हथियार थे। उन्होंने बताया, “जैसे-तैसे हम भागकर कमरे में घुसे और अंदर से कुण्डी लगा दी। हमारे साथ भगत जी और मुझसे मिलने आए दो श्रद्धालु भी थे, जिनकी बाइक को बाद में भीड़ ने आग लगा दी।”

पुजारी के अनुसार मंदिर के आसपास करीब 2-3 घंटे तक पत्थरबाजी होती रही। पूरी सड़क पत्थरों से पट गई थी। भीड़ ने मंदिर का ताला तोड़ दिया था, लेकिन वे मंदिर के अंदर नहीं घुस पाए। ऐसा होता तो वे माँ काली की मूर्ति और शिवलिंग को भी नुकसान पहुँचा सकते थे।

पुजारी ने बताया कि हमले की खबर मिलने के बाद कॉलोनी के लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे। उन्होंने कहा, “यदि हम भागे नहीं होते तो हमें ज़िंदा ही जला देते। कॉलोनी के लोग ही हमें यहाँ से निकालकर किसी तरह ले गए।” पुजारी के अनुसार हमले के समय प्रशासन से भी मदद माँगी थी। लेकिन कोई मदद नहीं मिली। पुलिस हमले के 6 घंटे बाद आई थी।

नल की टोटी भी उखाड़ ले गए दंगाई

पुजारी ने ऑपइंडिया को बताया कि दंगाइयों ने उस प्याऊ के नल को भी उखाड़ लिया जिससे मुस्लिम भी पानी पीते थे। मंदिर का घंटा और शंख भी गायब है। उनके अनुसार हमलावर भीड़ में 15 से लेकर 30-35 साल की उम्र के लोग शामिल थे। उन्होंने चोट के वे निशान भी दिखाए जो भागते वक़्त पत्थरों से उनके पैरों में लगी थी।

सुरक्षा की माँग

काली मंदिर के पुजारी ने इलाके में पुलिस चौकी की माँग की है। उन्होंने कहा कि उस दिन हिंदुओं ने संगठित होकर मुस्लिम भीड़ के हमले से मंदिर और उनके परिवार को बचा लिया। लेकिन आसपास के हिंदू अभी भी डरे हुए हैं, क्योंकि यह पूरा इलका मुस्लिम बहुल है।

काली मंदिर पर हमले से भी पता चलता है कि 31 अगस्त की हिंसा सुनियोजित साजिश थी। योजनाबद्ध तरीके से हिन्दुओं और मंदिरों को निशाना बनाया गया था। हिंसा को लेकर अब तक 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 104 प्राथमिकी दर्ज की गई है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।