बंधक बनाकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी शाहबुद्दीन गाजी को 12 साल की कैद

पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस के साथ आमिर हमजा खान गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नाबालिग लड़की को अगवा कर बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को 12 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने इस मामले में दोषी शाहबुद्दीन गाजी को सजा सुनाई है। शाहबुद्दीन गाजी को 12 साल की कैद की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 61,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

बता दें कि अदालत ने शाहबुद्दीन से जुर्माने की धनराशि वसूलने के बाद उसे पीड़ित लड़की को देने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने रेप पीड़ित नाबालिग को 3 लाख रुपए का हर्जाना भी देने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग के साथ रेप और पीड़िता को जबरन देह व्यापार में धकेलने जैसे गंभीर मामले की जाँच सब इंस्पेक्टर रैंक की पुलिस अधिकारी से कराने पर भी सवाल उठाए हैं। अदालत ने जजमेंट की कॉपी डिस्ट्रिक्ट डीसीपी को भी भेजने का आदेश दिया है। शाहबुद्दीन नाबालिग पीड़िता को काम के बहाने दिल्ली लाकर उसे बंधक बनाकर रेप करने का दोषी है।

गौरतलब है कि दोषी शहाबुद्दीन ने 2013 में 14 और 15 साल की दो नाबालिग लड़की को यह कहकर दिल्ली लेकर आया था कि वहाँ पर वह दोनों लड़कियों की जॉब लगवा देगा, लेकिन उसने यहाँ लाकर दोनों लड़कियों को बंधक बना लिया और पत्नी के गाँव जाने पर उसके साथ रेप करता रहा। हालाँकि, पीड़िता की चचेरी बहन इस दौरान वहाँ से भागने में सफल रही, लेकिन पीड़िता उसके चंगुल से नहीं निकल पाई। शाहबुद्दीन ने पीड़िता के साथ खुद तो रेप किया ही, साथ ही उसने दिल्ली के अलावा नोएडा वगैरह जगहों पर ले जाकर पीड़िता से जबरन देह व्यापार भी कराया।

दोषी की पत्नी के वापस आने पर पीड़िता ने उससे अपने साथ हुए जघन्य अपराध के बारे में बताया, मगर उसने भी उसकी मदद नहीं की, उल्टा उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई और फिर एक दिन मौका पाकर वह उसके चंगुल से छूटकर भाग निकली। इसके बाद उसने पुलिस को दिए बयान में अपने साथ हुई पूरी वारदात के बारे में बताया।

पुलिस ने लड़की का मेडिकल कराने के बाद पीड़िता के बयान पर आईपीसी की धारा 342, धारा 366ए, धारा 376 के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और धारा 17 में मामला दर्ज कर शाहबुद्दीन गाजी और उसकी पत्नी रेहाना बीवी को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सबूत के अभाव में दोषी की पत्नी को रिहा करना पड़ा। स्पेशल जज एनके मल्होत्रा की अदालत ने गवाहों के बयान और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद शाहबुद्दीन को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में दोषी करार देते हुए 12 साल कैद की सजा सुनाई। हालाँकि, अदालत ने पुलिस की जाँच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इस मामले में जाँच अधिकारी ने पीड़िता के परिजन और उसकी चचेरी बहन का बयान दर्ज नहीं किया। हो सकता है कि उसके साथ भी क्राइम हुआ हो।   

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया