PM मोदी ने किया डॉ बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन, महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों पर सरकार को चेताया

किताब का विमोचन करते पीएम नरेंद्र मोदी (साभार: Twitter)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (अक्टूबर 13, 2020) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के बड़े नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा ‘देह वीचवा करणी’ (अपना जीवन किसी नेक काम के लिए समर्पित करना) का विमोचन किया। इसके अलावा उन्होंने प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी का नाम बदलकर ‘लोकनेते डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ कर दिया।

इस सोसाइटी की स्थापना पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल ने 1964 में की थी। डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल, डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल के सबसे बड़े पुत्र और सोसाइटी के अध्यक्ष थे।

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इस दौरान कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बालासाहेब की कई पीढ़ी लगातार समाजसेवा कर रही है, वरना कुछ पीढ़ियाँ कम ताकतवर नजर आती हैं। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने सत्ता और राजनीति के जरिए समाज की भलाई का संदेश दिया।

डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा के विमोचन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मकथा का विमोचन भले आज हुआ हो लेकिन उनके जीवन की कथाएँ महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में पहले से मौजूद हैं।

डॉक्टर बाला साहेब विखे पाटिल की तारीफ में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सत्ता और राजनीति के जरिए हमेशा समाज की भलाई का प्रयास किया। उन्होंने हमेशा इसी बात पर बल दिया कि राजनीति को समाज के सार्थक बदलाव का माध्यम कैसे बनाया जाए, गाँव और गरीब की समस्याओं का समाधान कैसे हो। पीएम ने आगे कहा, “गाँव गरीब के विकास के लिए, शिक्षा के लिए, उनका योगदान हो, महाराष्ट्र में कॉपरेटिव की सफलता का उनका प्रयास हो, ये आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देगा, इसलिए बालासाहेब विखे पाटिल के जीवन पर ये किताब हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”

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वहीं कोरोना वायरस महामारी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। महाराष्ट्र में स्थिति थोड़ी और चिंता में डालने वाली है। मेरी सबसे अपील है कि मास्क और सामाजिक दूरी के लिए अभी गैर जिम्मेदार ना हों, इनका पालन करें। याद रखें – जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।”

बता दें कि महाराष्ट्र भारत में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। वहाँ अब तक 15,35,315 कोरोना मरीज मिल चुके हैं। इसमें से 2,12,439 केस एक्टिव हैं, वहीं 40,514 की जान जा चुकी है।

महाराष्ट्र केस

पिछले महीने, महाराष्ट्र में पुणे सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर की सूची में सबसे ऊपर था। वहाँ पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2 लाख तक पहुँच गई थी। यह शहर देश के पाँच सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक रहा है। अब पुणे में स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन यह अभी भी महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रभावित जिलों में सबसे ऊपर है, जहाँ अब तक 42,112 सक्रिय मामले सामने आए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया