मोहसिन का हरा शर्ट, सिर पर गोल टोपी और हत्या: हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई सहित 20 लोग कोर्ट से आरोप मुक्त

मोहसिन हत्याकांड में धनंजय देसाई सहित 20 पुणे जिला अदालत द्वारा बरी (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत ने साल 2014 में हुए मोहसिन नाम के एक मुस्लिम युवक की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई को बरी कर दिया है। अदालत ने इसी केस में 20 सभी आरोपितों को भी सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला शुक्रवार (27 जनवरी 2023) को आया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंके की अदालत में हुई। उन्होंने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनीं। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में आरोपित किए गए लोगों पर आरोप सिद्ध होने लायक प्रमाण नहीं दे पाया। धनंजय देसाई ने इस फैसले पर संतोष जताया। निर्णय के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को इस्लामी कट्टरपंथी जिहादियों की तुष्टिकरण करने वाला बताया। धनंजय देसाई ने कहा कि उन्हें हिंदुत्व का काम करने की वजह से निशाने पर लिया गया था।

मोहसिन मोहम्मद सादिक की हत्या: क्या था पूरा मामला

दरअसल यह मामला पुणे के 29 वर्षीय युवक मोहसिन मोहम्मद सादिक की हत्या का था। सादिक एक प्राइवेट कम्पनी में IT मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वह पुणे में अपने भाई मोबिन और दोस्त रियाज़ के साथ रहता था। आरोप है कि 2 जून 2014 को मृतक मोहसिन सादिक पास की एक मस्जिद से नमाज पढ़ कर लौट रहा था। तभी उसके बगल से लगभग आधे दर्जन बाइक सवार हाथों में रॉड और स्टिक लेकर गुजरे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बाइक सवार मोहसिन की शर्ट का हरा रंग और सिर पर गोल टोपी देख कर नाराज हो गए।

शिकायत में बताया गया है कि सभी आरोपितों ने मोहसिन को बैट, स्टिक और रॉड से पीटा। आगे बताया गया कि मोहसिन ने अपने भाई मोबिन और दोस्त रियाज़ को कॉल कर के बुलाया। कुछ ही देर में पुलिस भी पहुँच गई। घायल मोहसिन को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले IPC की धारा 302, 307, 143, 147, 148, 120 B और 153 A के तहत FIR दर्ज की। इस केस में हिन्दू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई को मुख्य आरोपित किया गया था। दिसंबर 2018 में मोहसिन के अब्बा भी हार्ट फेल्यर से चल बसे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया