‘ये मुस्लिम विरोधी कार्रवाई’: असम में बाल विवाह के खिलाफ एक्शन से भड़के ओवैसी, अब तक 2200 गिरफ्तार – इनमें सैकड़ों मौलवी-पुजारी

असम में बाल विवाह के खिलाफ सरकार का एक्शन (फोटो साभार: एएनआई)

असम में बाल विवाह के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन जारी है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है। मामले में अब तक 4 हजार से ज्यादा केस रजिस्टर किए गए हैं तो वहीं 2200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और एआईयूडीएफ चीफ मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।

बाल विवाह के खिलाफ असम में गुवाहाटी, विश्वनाथ, गोलपारा, करीमगंज, जोरहाट,मोरी गाँव, बोंगाईगाँव जैसे इलाकों में कार्रवाई की गई है। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने जानकारी दी है कि अब तक पूरे प्रदेश में बाल विवाह से संबंधित 4074 केस दर्ज किए गए हैं। कुल 8134 आरोपितों की पहचान की गई है। शनिवार (04 फरवरी, 2023) सुबह तक 2211 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी और हमें लगभग 3500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा।

मीडिया रिपोर्टों में राज्य सरकार की इस कार्रवाई को बाल विवाह के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा एक्शन कहा जा रहा है। कार्रवाई के तहत दूल्हे और उसके परिजनों के अलावा पंडितों और मौलवियों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है।

मुस्लिम लीडर कर रहे हैं विरोध

असम सरकार के एक्शन पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की सरकार मुस्लिमों के खिलाफ है। ओवैसी ने गिरफ्तारियों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आप लड़कों को जेल भेज देंगे तो लड़कियों का क्या होगा? उन्होंने सीएम सरमा से पूछा कि आपने असम में अब तक कितने स्कूल खोले हैं।

ओवैसी के अलावा ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। बदरुद्दीन अजमल ने भाजपा सरकार पर लोगों को धर्म के आधार पर बाँटने का आरोप लगाया। अजमल पुलिस की कार्रवाई को मुस्लिम विरोधी बताते हुए कहा कि चुनावों को देखते हुए भाजपा शासित राज्यों में कुछ न कुछ गुल खिलाए जाएँगे। अजमल ने यहाँ तक कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में ज्यादातर मुस्लिम होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री पर जानबूझकर मुस्लिमों को परेशान करने का आरोप लगाया।

सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य अपराध करार दिया

बता दें कि बाल विवाह को लेकर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा कई बार फिक्र जता चुके हैं। 23 जनवरी, 2023 को असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था। मुख्यमंत्री सरमा ने बाल विवाह को जघन्य अपराध करार दिया था। इसके साथ ही कानून में बड़ा बदलाव करते हुए 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की मंजूरी के बाद से ही पुलिस एक्शन में है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया