सरकार की ‘मुद्रा योजना’ ने बदल दी अरुलमोझी की जिंदगी, PM से मिलकर हुईं भावुक

मदुरै में पीएम मोदी से मुलाकात करती हुईं अरुलमोझी

कहानी एक महिला ऐसी उद्यमी महिला की जो अपने परिवार के आय को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ‘मुद्रा योजना’ से लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया और आज वह अपने परिवार का आसानी से ख़्याल रख पा रही हैं। उनका शून्य से शुरू हुआ व्यापार अब करोड़ में पहुँच चुका है।

हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के मदुरै में रहने वाली अरुलमोझी सर्वानन की, जो अभी सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के ज़रिए अपना व्यवसाय चला रही हैं। उनका कहना है कि (जीईएम) सिर्फ़ व्यवसाय के लिए एक साधन ही नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा का एक माध्यम है। उनका मानना है कि, यह सरकारी कार्यालयों में जनता के पैसे को बचाने का एक अच्छा माध्यम है।

पीएम मोदी से मिलकर हुईं भावुक

पीएम मोदी हाल में जब तमिलनाडु के दौरे पर थे तो, अरुलमोझी उनसे मिलने पहुँच गईं थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी से उन्होंने मुलाक़ात किया। इस दौरान वो काफ़ी भावुक हो गईं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलना उनका एक सपना था। जिसके बाद प्राधनमंत्री ने उनसे अंग्रेज़ी में पूछा कि उनका व्यापार कैसा चल रहा है। बता दें कि, दो साल पहले 2017 के मध्य में पीएम ने इनके बार में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ज़िक्र किया था।

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234 के ऑर्डर के साथ शुरू हुआ था बिज़नेस

केंद्र की ‘मुद्रा योजना’ के तहत अरुलमोझी ने लोन लेकर बिज़नेस करते हुए (जीईएम) पर पर अपना पहला ऑर्डर ₹234 का रिसीव किया था। इन्हें जीईएम के माध्यम से पता चला की प्रधानमंत्री कार्यालय को कुछ थर्मोफ्लेक्स की ज़रूरत है। जिसके बाद इन्होंने (जीईएम) के माध्यम से थर्मोफ्लेक्स की आपूर्ति की और उसका भुगतान भी इन्हें मिल गया। अरुलमोझी ने इस बात की पूरी कहानी पत्र लिखकर पीएम के साथ साझा की थी।

पीएम को पत्र लिखकर किया धन्यवाद

उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर व्यवसाय के बारे में जानकारी देते हुए लिखा कि इस व्यवसाय ने उनके जीवन में परिवर्तन ला दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पहले खाना चूल्हे पर पकाया जाता था, लेकिन अब वह गैस सिलेंडर का उपयोग करती हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा, अब उनका व्यावसाय चालू वित्त वर्ष में ₹1 करोड़ के पार चला गया है, और अब वह जल्द ही अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने की योजना बना रही हैं।

क्या है सरकार की ‘मुद्रा योजना’

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2015 में छोटे उद्यम शुरू करने के लिए इस योजना की शुरूआत की थी। इसके तहत लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है। बता दें कि इसके तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है और लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता। साथ ही लोन चुकाने की समय सीमा को 5 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। इसमें लोन लेने वाले को एक ‘मुद्रा कार्ड’ दिया जाता है, जिसकी मदद से वह ज़रूरत पर उसका इस्तेमाल कर सकता है।

‘मुद्रा योजना’ की ख़ास बात यह है कि इसके तहत लोन लेने वाले चार लोगों में से तीन महिलाएँ हैं। PMMY के लिए बनाई गयी वेबसाइट के मुताबिक़ 23 मार्च 2018 तक ‘मुद्रा योजना’ के तहत ₹2,28,144 करोड़ के लोन मंजूर किए जा चुके हैं। सरकार ने इस योजना के तहत इस साल 23 मार्च तक ₹2,20,596 करोड़ के लोन बाँटे हैं। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया