किताबों में मुगलों का महिमामंडल करने वाली NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एड्यूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) को भरतपुर के एक RTI कार्यकर्ता ने लीगल नोटिस भेजा है। NCERT को ये नोटिस मुगलों पर अप्रमाणित कंटेंट छापने को लेकर भेजा गया है।
दरअसल, NCERT की कक्षा-12 की इतिहास की पुस्तक में यह दावा किया गया है कि जब (हिंदू) मंदिरों को युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, तब भी उनकी मरम्मत के लिए शाहजहाँ और औरंगजेब द्वारा अनुदान जारी किए गए।
https://twitter.com/TimesNow/status/1367306370035314688?ref_src=twsrc%5Etfwअब इसी दावे को लेकर भरतपुर के एक्टिविस्ट दपिंदर सिंह ने एनसीईआरटी के विरुद्ध ये कदम उठाया है। इससे पहले उन्होंने एक RTI लगाई थी, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि कक्षा 12 की इतिहास की पुस्तक में जो दावे किए गए हैं, उसके स्रोत और उसके पीछे के तथ्य क्या हैं, जिनके आधार पर ये पढ़ाया जा रहा है?
इस आरटीआई के जवाब में जब NCERT ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया और कहा कि उनके पास इसका कोई रेफरेंस मौजूद नहीं है, तो दपिंदर सिंह ने उन्हें यह नोटिस भेजा। उनका मत है कि आखिर क्यों गलत इतिहास बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। क्यों स्पष्ट तौर पर न केवल बच्चों को खुलेआम बरगलाने का काम हो रहा है बल्कि उनके साथ भी खिलवाड़ हो रहा है, जो किसी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
दपिंदर ने किताब में पढ़ाए जाने वाले कंटेंट में संशोधन की माँग की है। उनका मानना है कि बिना प्रमाण कैसे मुगल शासक जैसे औरंगजेब व शाहजहाँ को महान दिखाया गया। इतिहास तो तथ्यों व सूचनाओं पर आधारित होता है, यदि ऐसे जानकारी दी जाएगी तो ये इतिहास से खिलवाड़ होगा।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में जनवरी में एक आरटीआई लगाई गई थी। याचिकाकर्ता की पहली माँग थी कि वह सोर्स बताया जाए, जिसमें ये बातें कही गई हैं और उन मंदिरों की संख्या बताई जाए, जिन्हें औरंगजेब और शाहजहाँ ने मरम्मत करवाई। NCERT का दोनों सवालों के जवाब में कहना है कि इसकी जानकारी उनके विभाग के पास नहीं है।
इस पर एक एक्टिविस्ट संजीव वकील कहते हैं कि छात्रों को कल्पना आधारित इतिहास पढ़ाया जा रहा है। वह कहते हैं, ” शिक्षा लिहाज से NCERT किताबों को बेंचमार्क समझा जाता है। इन्हें सिविल परीक्षा की तैयारी करने वाले भी पढ़ते हैं और अन्य परीक्षा की तैयारी करने वाले भी। आगामी पीढ़ी को गलत दिशा में ढकेला जा रहा है और इसके परिणाम बहुत भयानक हो सकते हैं।”