दिल्ली के मुहर्रम जुलूस में पथराव, 10 पुलिस वाले घायल… पश्चिम बंगाल में मुहर्रम पर दुर्गा मंदिर का रास्ता ही बंद

मुहर्रम से पहले बैरिकेड लगा ब्लॉक किया गया दुर्गा मंदिर, दिल्ली में तो पुलिस पर ही पथराव

पश्चिम बंगाल में मुहर्रम से एक दिन पहले शुक्रवार (28 जुलाई 2023) को बैरिकेड लगाकर एक दुर्गा मंदिर का रास्ता बंद करने का मामला सामने आया। यह मंदिर मालदा जिले के कालियाचक में स्थित है। बंगाल से दूर दिल्ली के नांगलोई में मुहर्रम पर ताजिया निकलने के दौरान कट्टरपंथी मुस्लिमों ने पथराव किया। इसके कारण पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुँचा।

दिल्ली पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए लाठीचार्ज किया। दिल्ली पुलिस के अधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नांगलोई में ताजिये के जुलूस में 8-10 हजार लोग मौजूद थे। इनमें से 1-2 आयोजनकर्ता ताजिये का जो रूट पहले से तय था, उससे अलग जाना चाह रहे थे। पुलिस ने जब मना किया तो जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें 10 पुलिस वाले घायल हुए हैं।

नमाज में व्यवधान के नाम पर आतंक, शादी-ब्याह में DJ नहीं बजने देने के नाम पर बवाल काटने वाली कट्टरपंथी मुस्लिम सोच पर अब लोग सवाल उठा रहे। लोग पूछ रहे कि 29 जुलाई 2023 को मुहर्रम के दिन न तो कोई हिंदू त्योहार था, न ही काँवड़ियों की बात थी… फिर सड़कों पर आतंक किसने मचाया, क्यों मचाया?

दिल्ली पुलिस ने आतंक मचा रही कट्टर इस्लामी भीड़ पर जम कर लाठियाँ बरसाई हैं। सवाल यह उठता है कि पत्थरबाजी वाली मानसिकता से ग्रसित भीड़ को जुलूस का परमिशन दिया ही क्यों जाता है? अगर दिया जाता है तो देश के ही दूसरे राज्य बंगाल में हिंदू मंदिरों की बैरिकेडिंग क्यों कर दी जाती है?

हिंदू मंदिर की बैरिकेडिंग वाली घटना को लेकर भाजपा ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है। इसके बाद हालाँकि बैरिकेड हटा दिए गए। पश्चिम बंगाल बीजेपी के कार्यकर्ता अमित ठाकुर ने ट्वीट कर लिखा, “यह चौंकाने वाली तस्वीर पश्चिम बंगाल के मालदा के कालियाचक की है। जहाँ मुहर्रम के जुलूस के लिए दुर्गा मंदिर को ब्लॉक कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की यही हालत है। I.N.D.I.A. के सेक्युलर लोग इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?”

इस ट्वीट के साथ उन्होंने ‘कालियाचक थाना शरबजनिन दुर्गा मंदिर’ नामक मंदिर की तस्वीर भी शेयर की। तस्वीर में देखा जा सकता है कि बाँस की बल्लियाँ लगाकर मंदिर को पूरी तरह से ब्लॉक करने की कोशिश की गई थी।

इस मामले पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के इशारे पर पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा मंदिर में बेरिकेडिंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुहर्रम की पूर्व संध्या पर कालियाचक में दुर्गा मंदिर को ब्लॉक करते हुए बैरिकेड लगाए। यह ममता बनर्जी की सेक्युलरिज्म का ब्रांड है। यह हिंदुओं को नीचा दिखाने और बदनाम करने के लिए हो रहा है। ममता बनर्जी सरकार ने हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया है।”

मालवीय ने यह भी कहा, “यह कानून व्यवस्था सँभालने में ममता बनर्जी की असफलता को दिखाता है। सीएम का ऐसा पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण सामाजिक एकजुटता को खत्म करता है और खाइयों को बढ़ाता है। उनकी राजनीति इसके बल पर ही फलती-फूलती है।”

पश्चिम बंगाल बीजेपी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने TMC सरकार की आलोचना करते हुए लिखा, “मैं शर्त लगाता हूँ कि उस इलाके की कोई भी मुहर्रम आयोजन समिति इस तरह के कदम की माँग नहीं कर सकती थी, जिससे सनातनियों को ठेस पहुँचे। सीधे तौर पर यह पश्चिम बंगाल पुलिस की ‘अतिसक्रियता’ है। ममता बनर्जी के शब्दकोश में ‘सेक्युलरिज्म’ ‘वोट बैंक की राजनीति’ का दूसरा नाम है। यही कारण है कि सरकार धार्मिक त्योहारों के दौरान ‘अतिसक्रियता की समस्या’ से ग्रस्त है। ममता बनर्जी सरकार में आम तौर पर कुछ ऐसा होता रहा है, जिससे सनातनियों की भावनाएँ आहत होती हैं।”

राज्य के मुख्य सचिव के तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए, शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “ममता बनर्जी अपनी ओछी राजनीति के लिए जानबूझकर बैरिकेडिंग लगवा रही हैं और दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा कर रही हैं। वह कलह पैदा करने और दोनों समुदायों के बीच सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं।”

हालाँकि बाद में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि दुर्गा मंदिर के बाहर से बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं।

वहीं, कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि मुहर्रम के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए हिंदुओं ने ही मंदिर के बाहर बैरिकेड्स लगाए थे।

बहरहाल, यहाँ यह बताना जरूरी है कि ममता बनर्जी ने मुहर्रम जुलूस को रास्ता देने के लिए साल 2016 और 2017 में माँ दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगा दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया