बरकत उस्मान के मजहब की वजह से सामान लेने से इनकार: डिलीवरी बॉय की शिकायत पर गजानन चतुर्वेदी गिरफ्तार

प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र में तिपहिए वाली उद्धव सरकार आने के बाद वहाँ समुदाय विशेष के लोगों को संरक्षण देने की आड़ में वजह-बेवजह हिंदुओं के ख़िलाफ़ एक्शन लिया जाने लगा है। बीते दिनों साधुओं की मॉब लिंचिंग ने इस बात को बेहतर तरीके से स्पष्ट कर दिया और अब खबर है कि वहाँ एक व्यक्ति को सिर्फ़ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि एक मुस्लिम डिलीवरी बॉय ने उस व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसके हाथ से किराने का सामान लेने से मना कर दिया।

जानकारी के मुताबिक ये घटना ठाणे के कशीमिरा इलाके की है। यहाँ एक मुस्लिम डिलीवरी बॉय एक घर में किराने का सामान पहुँचाने गया। लेकिन वहाँ उसके हाथ से सामान लेने से मना कर दिया गया। इसके बाद मुस्लिम लड़के ने व्यक्ति के ख़िलाफ़ ये शिकायत कर दी कि उसके मजहब के कारण उसके साथ ऐसा हुआ। यानी उसके मुस्लिम होने के कारण आरोपित व्यक्ति ने उसके हाथ से सामान नहीं लिया। 

अब इस शिकायत के मिलने के बाद आरोपित व्यक्ति को ठाणे पुलिस ने फौरन गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उस पर धार्मिक भावना आहत करने का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपित की पहचान 51 वर्षीय गजानन चतुर्वेदी के रूप में हुई है।

ठाणे के कशीमिरा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर संजय हजारे ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गजानन चतुर्वेदी (51) के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए (धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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इंस्पेक्टर हजारे ने मीडिया को बताया कि उनके पास सामान पहुँचाने वाले ने शिकायत दर्ज कराई है। उसने कहा है कि मंगलवार सुबह को जब वह कुछ सामान पहुँचाने चतुर्वेदी के घर पहुँचा, तब वहाँ उससे नाम पूछा गया। जब उसने अपना नाम बताया तो चतुर्वेदी ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के हाथों कोई सामान नहीं लेंगे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जाँच चल रही है।

अभी तक की सूचना के अनुसार मालूम चला है कि गजानन चतुर्वेदी की पत्नी जया ने फोन के जरिए से किराने की दुकान से कुछ सामान के लिए ऑर्डर किया। सामान लेकर पहुँचने वाले से घर के दरवाजे पर जब उसका नाम पूछा गया, तो उसने बरकत उस्मान पटेल बताया। इस पर चतुर्वेदी ने सामान लेने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद बरकत ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर इन दिनों हर इंसान अपनी सुरक्षा लिहाज से लोगों से दूरी बनाने का प्रयास कर रहा है। उसके ऊपर महाराष्ट्र में तो कोरोना के सबसे अधिक मामले पाए जा चुके हैं। दूसरी ओर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि तबलीगी जमातियों की लापरवाही व हरकतों ने इसे इतने व्यापक स्तर पर फैलाया।

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने सुरक्षा लिहाज से कुछ सोचकर उससे सामान लेने से मना करता है, तो उसको बिना कोई चेतावनी दिए, गिरफ्तार कर लेना कहाँ तक उचित है? ये अपने आप में पड़ताल का विषय है।

ज्ञात हो कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष के लोगों की कैमरे में कैद करतूत खूब वायरल हुआ। कहीं फलों में थूक लगाकर उसे सजाते हुए देखा गया, तो कहीं 500 के नोट पर थूक लगाते। ऐसे में एक कारण ये भी कि संकट की घड़ी में आमजन को चाहते न चाहते हुए संदेह करना पड़ रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया