कर्नाटक (Karnataka) के मंगलुरु से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहाँ मुस्लिम डिफेंस फोर्स 24×7 (Muslim Defence Force) नाम के एक समूह ने बुर्का (Burqa) नहीं पहनने और सेल्फी (Selfie) लेने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का उतारने वाली मुस्लिम महिलाओं को धमकी दी है। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुस्लिम महिलाओं को धमकाते हुए ग्रुप ने लिखा, “जो मुस्लिम महिलाएँ बुर्का नहीं पहनेंगी और सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का उतारकर सेल्फी लेंगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
मंगलुरु के पुलिस कमिश्नर शशि कुमार के मुताबिक, यह ग्रुप खुद को मुस्लिम अधिकारों का संरक्षक बताता है और कहता है कि ये उसका कर्तव्य है कि वो मुस्लिम महिलाओं को उनकी मजहबी परंपराओं को तोड़ने से रोके। उन्होंने कहा कि इस समूह पर लगातार नजर रखी जा रही है।
सीपी शशि कुमार ने टाइम्स नाउ को बताया, “ये मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इंस्टाग्राम और फेसबुक के अलावा व्हाट्सएप पर भी लोगों को ये मैसेज भेजा जा रहा है। पुलिस को ये मैसेज व्हाट्सएप ग्रुप पर भी मिले हैं।” इस ग्रुप ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है कि जो महिलाएँ सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का नहीं पहनेंगी या इसे हटाकर सेल्फी लेंगी, उन्हें सबक सिखाने के लिए पीटा भी जाएगा।
मुस्लिम समूह द्वारा कन्नड़ भाषा में जारी संदेश में लिखा है, “मॉल के बेसमेंट में हमने कई महिलाओं को बुर्का उतारकर गलत कार्य करते हुए देखा। हमारे कार्यकर्ताओं ने उन्हें पहले ही चेतावनी दे दी है। अगर यह फिर से हुआ तो पीटा जाएगा।” उन्होंने अभिभावकों से भी कहा कि जब भी उनके की महिलाएँ कॉलेज और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाएँ तो उनकी निगरानी करें।
मंगलुरु पुलिस कमिश्नर ने बताया कि उनकी टीम लगातार इस ग्रुप के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ये कौन लोग हैं? पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, ग्रुप के कुछ सदस्यों के बारे में उन्हें जानकारी मिली है, लेकिन इस मैसेज का मेन सोर्स क्या है, कौन इसका मास्टरमाइंड है, पुलिस इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने आगे बताया कि यह सोशल मीडिया ग्रुप की तरह है, जिसमें 200 से 300 लोग जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप में जानकारी साझा करने के नाम पर लोगों को धमकाया जा रहा है। ‘मुस्लिम डिफेंस फोर्स 24×7 ग्रुप सोशल मीडिया पर इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
गौरतलब है कि यह धमकी उस वक्त आई है, जब राज्य में कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब के बिना स्कूलों में जाने से इनकार करने के बाद विवाद गहराया हुआ है। बीते कुछ महीनों से कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राएँ क्लास के अंदर हिजाब (Hijab) पहनने की जिद पर अड़ी हुई हैं और इसके लिए वह लगातार प्रदर्शन करती हुई भी नजर आईं। ये छात्राएँ इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बताती हैं।
इसके बाद कर्नाटक में हलाल मीट और लाउडस्पीकर पर अज़ान को लेकर भी विवाद हुआ। उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल को पशुपालन व पशु चिकित्सा सेवाओं के उपनिदेशक ने जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम नियम 2001 का हवाला देते हुए बेंगलुरु नागरिक निकाय को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि जानवरों को मारने से पहले उन्हें बेहोश किया जाए। पत्र में यह भी कहा गया था कि उनके विभाग को जनता से शिकायतें मिली हैं कि जानवरों के वध से पहले सरकारी नियमों की अनदेखी हो रही है। इसको लेकर कॉन्ग्रेस ने कर्नाटक सरकार का विरोध किया था।