‘गलती नहीं सुधारी तो परिवार को नहीं छोड़ा जाएगा’: भूमिपूजन पर खुश BJP-RSS से जुड़े संप्रदाय विशेष को बंगाल इमाम एसोसिएशन की धमकी

भूमिपूजन से आहत बंगाल इमाम एसोसिएशन का फरमान

राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमिपूजन के बाद से जगह-जगह समुदाय विशेष के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी संबंध में 7 अगस्त को बंगाल इमाम एसोसिएशन ने अपने बयान में भाजपा और आरएसएस से जुड़े संप्रदाय विशेष के लोगों को धमकी दी।

बयान में कहा गया कि अगर उन लोगों ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो उनके परिवारों को नहीं छोड़ा जाएगा। एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा है कि संप्रदाय विशेष का जो भी कोई राम मंदिर के भूमिपूजन की खुशियाँ मना रहा है, वो इस्लाम को मानने वाला नहीं है। वो गैर-इस्लामी है।

बयान में कहा गया कि हाल ही में राम मंदिर निर्माण करने के लिए उस जगह पर भूमिपूजन हुआ जहाँ कभी बाबरी मस्जिद हुआ करती थी। इसलिए यह बात साफ है कि आरएसएस और भाजपा संप्रदाय विशेष के लोगों के मित्र नहीं है।

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इस फरमान में यह भी कहा गया कि संप्रदाय विशेष का एक आदमी कभी भी तब संप्रदाय विशेष का नहीं रहता अगर वह उस व्यक्ति के पक्ष में हो जो इस्लाम विरोधी है। इसलिए जो सदस्य आरएसएस और वीएचपी के सदस्य हैं या उनसे जुड़े हुए हैं। उन्हें अपनी स्थिति के बारे में गौर करना चाहिए। उन्हें निर्णय लेना होगा कि वह भाजपा-आरएसएस में रहना चाहते हैं या फिर अपनी भूल सुधारना चाहते हैं।

फरमान में आगे भाजपा व आरएसएस से जुड़े संप्रदाय विशेष के लोगों को धमकी भी दी गई। इसमें लिखा गया कि इन लोगों को यह याद रखना चाहिए कि आने वाले समय में इनके परिजनों को बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि यह बयान बंगाल इमाम एसोसिएशन की ओर से ठीक उसी समय आया था जब ऑलइंडिया इमाम एसोसिएशनन के साजिद रशीदी ने कहा था कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगा और शायद अब एक मंदिर उसे बनाने के लिए ध्वस्त किया जाए।

इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने भी तभी कहा था कि बाबरी मस्जिद वहाँ था और हमेशा वहाँ मस्जिद ही रहेगा। अपने बयान में AIMPB ने इस भूमिपूजन से निराश लोगों को समझाते हुए यह भी कहा था कि दिल दुखाने की जरूरत नहीं है। स्थिति कभी एक जैसी नहीं रहती।

बता दें, बंगाल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा, “यह संप्रदाय विशेष के उन लोगों को चेतावनी देना है जो आरएसएस-बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें अब यह तय करना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में किसे समर्थन देना चाहते हैं। यह कोई फतवा नहीं है, लेकिन उन्हें यह समझने की जरूरत है कि वे उन्हें मदद कर रहे हैं जो संप्रदाय विशेष के लोगों को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया