‘आज पुलिस ने बचा लिया… साले कुम्हार जान से खत्म कर देंगे‘ – नूहं में जुबैर सहित मुस्लिम भीड़ ने फाड़े हिन्दू महिलाओं के कपड़े, धर्म परिवर्तन और गाँव छोड़ने की भी धमकी

हरियाणा के नूहं में हिन्दू परिवार पर धर्मान्तरण और पलायन का दबाव

हरियाणा के नूहं जिले में एक हिन्दू परिवार पर मुस्लिम वर्ग के कुछ लोगों द्वारा हमले की खबर है। यहाँ OBC समुदाय से आने वाले संतराम ने इदरीस, जुनैद, जुबैर, अख़लाक़, ज़फ़र, अकरम, शमीम, जावेद, अयूब व एक अन्य पर हमले की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। हमलावरों में साहुनी और रवीना नाम की 2 महिलाएँ भी शामिल हैं। इन सभी पर संतराम की दुकान को लूटने और उनके परिवार की औरतों को भी पीटने और दुर्व्यवहार का आरोप है। पीड़ितों का यह भी कहना है कि उन पर गाँव से पलायन करने और इस्लाम कबूलने का दबाव बनाय जाता है। पुलिस ने FIR दर्ज कर के 2 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना की शुरुआत मंगलवार (16 अप्रैल 2024) को हुई थी।

यह घटना थानाक्षेत्र पिनगवां की है। यहाँ के रनियाला पटाकपुर में संतराम अपने परिवार के साथ रहते हैं। पुलिस को दी गई शिकायत में उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल को रात लगभग 10:30 पर रमेशचंद की अखलाक, जुबैर और नाहिद ने घर में घुस कर पिटाई की थी। इस दौरान तीनों आरोपितों ने हाथ में तमंचा लेकर रमेशचंद को गोली मारने की भी धमकी दी थी। रमेशचंद ने इसकी शिकायत पिनगवां थाने में 17 अप्रैल को दर्ज करवाई थी। इस शिकायत पर इसी दिन शाम लगभग 7 बजे गाँव में जाँच-पड़ताल के लिए पुलिस गई थी।

बताया जा रहा है कि जुबैर और उसके साथी रमेशचंद द्वारा पुलिस बुलाए जाने से नाराज रहने लगे थे। रमेशचंद के परिवार के ही सदस्य संतराम हैं, जो परचून की दुकान चलाते हैं। पुलिस के लौटने के बाद 17 अप्रैल को ही इदरीस पीड़ित संतराम की दुकान में अपने कुछ साथियों के साथ लाठी-डंडे लेकर घुस गया। उसने संतराम को देखते हुए कहा, “साले कुम्हार को जान से खत्म कर देते हैं।” इदरीस के ललकारते ही वसीम, अकरम और जावेद भी रमेशचंद, संतराम और राजेश पर हमलावर हो गए।

हमलावरों ने पीड़ितों पर लाठी-डंडे चलाए। इस हमले में पीड़ितों के सिर, हाथ और पीठ में चोटें आईं। संतराम को घायल देख कर हमलावरों के परिजनों ने उनकी दुकान में लूटपाट शुरू कर दी। इस लूटपाट में वसीम के साथ अखलाख और साहुनी नाम की एक महिला भी बताई जा रही है। पीड़ित के गल्ले से लगभग 23 हजार रुपए निकाल लिए गए। जब संतराम के घर की औरतों ने हमलावरों को रोकना चाहा तो उनके साथ भी छेड़खानी की गई। जुनैद ने तो एक हिन्दू महिला के कपड़े तक फाड़ डाले।

पीड़ित परिवार का एक सदस्य मोबाइल से इस हमले को रिकॉर्ड करने की कोशिश कर रहा था। हमलावरों में शामिल इदरीस ने मोबाइल छीन कर तोड़ डाला। शोरगुल सुन कर गाँव के तमाम लोगों की भीड़ जमा हो गई। हंगामे की सूचना पर पुलिस भी पहुँच गई। पुलिस को आता देख कर हमलावर भागने लगे। जाते-जाते उन्होंने कहा, “आज तो पुलिस ने बचा लिया। आइंदा मौका मिला तो जान से खत्म कर देंगे।” हमलावरों में नामजद इदरीस, जुनैद, जुबैर, अखलाक, जफर, अकरम, शमीम, रबीना, जावेद, अयूब, साहुनी और वसीम के अलावा 25-30 अन्य अज्ञात लोग भी बताए गए हैं।

हमलावरों में अकरम नाम का व्यक्ति 31 जुलाई 2023 को बंटी नाम के व्यक्ति की मिल में आग लगाने का भी आरोपित बताया गया है। पीड़ित परिवार ने खुद को शिकायत के अंत में बेहद डरा हुआ बताया है। उन्होंने भविष्य में भी खुद पर हमले की आशंका जताई है। संतराम की शिकायत में इस बात का भी जिक्र है कि उन लोगों पर गाँव से भागने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है। संतराम ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और अपने जान-माल की रक्षा की माँग की है। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है।

ऑपइंडिया को पीड़ित परिवार ने कुछ वीडियो भी भेजे हैं। इस वीडियो में दुकान में तोड़फोड़ दिख रही है। अन्य तस्वीरों में कुछ घायलों को देखा जा सकता है, जो संतराम के परिजन बताए जा रहे हैं। एक वीडियो में पीड़ित परिवार के लोग एक जगह जमा हुए हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए अपनी जान-माल की गुहार लगाई है।

ऑपइंडिया ने शिकायतकर्ता संतराम से बात की। संतराम ने हमें बताया कि उनका गाँव मुस्लिम बाहुल्य है, जहाँ हिन्दुओं के महज 4-5 घर हैं। अपने घर से 3 लोगों के घायल होने की जानकारी देते हुए संतराम ने कहा कि वो अभी रोहतक के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।

ऑपइंडिया ने पिनगवां के थाना प्रभारी से अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी माँगी। SHO पिनगवां ने बताया कि मामले में FIR दर्ज करके 2 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जाँच और अन्य कानूनी कार्रवाई जारी है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।