‘राम हमारे पूर्वज, उनके बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं’: काशी में मुस्लिम महिलाओं ने रामनवमी पर की आरती, कहा- जो राम से अलग हुआ, वो बर्बाद हो गया

मुस्लिम महिलाओं ने राम-सीता की पूजा की (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

इस्लामी कट्टरपंथियों को कड़ा संदेश देते हुए मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) ने रामनवमी के अवसर पर काशी (Kashi) में अयोध्या के राजा भगवान राम और माता सीता (Bhagwan Ram and Mata Sita) की आरती उतारकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने भगवान राम को अपना पूर्वज बताया और कहा कि विश्व की हर संस्कृति प्रभु राम से होकर ही निकली है और उनके बिना तो भारत की भूमि पर रहने वाले लोगों का कोई अस्तित्व ही नहीं है।

इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने फूलों से उर्दू में भगवान श्रीराम का नाम भी लिखा। उर्दू में उनकी स्तुति की और उर्दू में लिखे गई उनकी आरती भी की। इस दौरान महिलाओं ने विश्व बंधुत्व, भाईचारा और शांति की ईश्वर से कामना की।

राम भक्त नाजनीन अंसारी का कहा है कि भारत भूमि का जो हिस्सा भगवान श्रीराम से अलग हुआ, वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं, क्योंकि वह सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए। उन्होंने कहा कि अगर ये देश भगवान श्रीराम की स्तुति करते हुए उनके रास्ते पर चलें तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं।

नाजनीन ने बताया कि 7 मार्च 2006 को काशी के संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर आतंकवादियों ने ब्लास्ट किया था। इन धमाकों में कई लोगों की जान चली गई थी। तब उन लोगों ने संकटमोचन मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। उसी समय से हर साल रामनवमी पर भगवान राम और माता सीता की आरती उतारना मुस्लिम महिलाओं की परंपरा बन गई।

नाजनीन ने बताया कि यह आयोजन काशी धमाकों से हिंदू और मुस्लिमों के बीच खड़ी हुई नफरत और शक की दीवार तो तोड़ने के लिए किया गया। तब विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। नाजनीन मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया