‘हम चार निकाह ही करेंगे’: UCC के विरोध में बोले मुस्लिम- हम शरीयत से ही चलेंगे, देहरादून का शहर काजी बोला- सड़कों पर उतरेंगे

मुस्लिम कर रहे UCC का विरोध (चित्र साभार: Pamphlet_IN/X & India Today)

उत्तराखंड विधानसभा में सामान नागरिक संहिता (UCC) बिल पेश की जा चुकी है। इस पर विधानसभा में चर्चा चल रही है। प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून का आधार बनने वाला यह UCC मुस्लिम तबके के एक बड़े हिस्से को रास नहीं आ रही है। UCC के विरुद्ध अजीब-अजीब तर्क दिए जा रहे हैं। कई मुस्लिम नेता संविधान के ऊपर शरीयत को रखने की बात कर रहे हैं। ऐसी कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

ऐसे ही एक वीडियो में एक पत्रकार मुस्लिम भीड़ से UCC के मुद्दे पर बात करता दिखाई देता है। इस दौरान एक मुस्लिम युवक UCC की कमियाँ गिनाता है। युवक बताता है, “ये कानून सही नहीं है, क्योंकि हम किसके हिसाब से चलेंगे, हम चलेंगे शरीयत के हिसाब से। क्यों चलेंगे? क्योंकि शरीयत में लिखा हुआ कि आप चार निकाह कर सकते हैं। आप इसमें (UCC में) कह रहे हो कि एक निकाह कर सकते हैं। क्यों कर सकते एक निकाह, जब चार करने हैं?”

युवक आगे तर्क देता है, “वैसे तो हम एक ही करते हैं, लेकिन जब शरीयत में लिखा हुआ कि चार कर सकते हैं तो चार ही करेंगे। अब मान लो एक बीवी है, उससे शादी हो गई। अब एक अच्छी नहीं लग रही और दूसरी रेडी है तो हम क्यों ना करेंगे। इसमें दो बच्चे को लेकर लिखा हुआ है। बच्चे दो कैसे? वो तो अल्लाह के हाथ में हैं।”

जब उस मुस्लिम युवक से पत्रकार पूछता है कि वह शरीयत को मानता है या फिर देश के संविधान को। इस पर वह युवक कहता है कि ‘देश चलेगा संविधान से, लेकिन हम (मुस्लिम) चलेंगे शरीयत से’।

वहीं, UCC के विरोध में देहरादून की जामा मस्जिद के शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि देश के बुद्धिमान लोग यूनिफार्म सिविल कोड की जरूरत नहीं मानते हैं। उन्होंने मुस्लिमों को लक्षित करके UCC लाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने नेताओं को खुश करने के लिए UCC ला रहे हैं।

उधर UCC के विरोध में अजीब तर्कों के और भी वीडियो सामने आए हैं। एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति भी इस पर अपना पक्ष रखता नजर आ रहा है। गौरलतब है कि उत्तराखंड में लाए गए UCC का ड्राफ्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपा गया था। इसे पाँच सदस्यीय पैनल ने तैयार किया है। इसमें विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत सम्बन्धी तमाम मुद्दों के विषय में नियम बनाए गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया