J&K में आतंकी घटना में भारी कमी, कानून-व्यवस्था बिगड़ने पर किसी नागरिक की मौत नहीं: गृह मंत्रालय ने बताया 370 हटने का असर

प्रतीकात्मक तस्वीर (साभार: डीएनए)

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद किसी भी नागरिक की मौत कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की वजह से नहीं हुई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार 24 मार्च 2021 को संसद में यह जानकारी दी। लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि बताया कि आतंकी घटनाओं अथवा क्रॉस फायरिंग में मारे गए नागरिकों के परिजनों को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है।

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आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी घटनाओं में आई भारी कमी के बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में 2019, 2020 और 2021 (15 मार्च की स्थिति) में क्रमशः 549, 244 और 21 आतंकी घटनाएँ हुईं।”

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5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था। राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए, लद्दाख एवं जम्मू-कश्मीर।

इसके अलावा रेड्डी ने आईपीसी सूचित अपराधों में आई कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार आईपीसी सूचित अपराधों में 2019 की तुलना में 2020 में 16.86% की कमी देखने को मिली। इसके अतिरिक्त 2021 के पहले दो महीनों में दर्ज आईपीसी सूचित अपराधों की संख्या में 2020 के पहले दो महीनों की तुलना में 12.82% की कमी आई है। इन आँकड़ों के साथ भारतीय जेलों में बंद कैदियों की संख्या के 4,78,600 बताई गई। इन 4.78 लाख कैदियों में 3,30,487 ट्रायल की प्रक्रिया में हैं।

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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 2019 की तुलना में 2020 में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी 87.13% की कमी दर्ज की गई है। यह आँकड़े जम्मू और कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह द्वारा दिए गए थे। दिलबाग सिंह ने बताया था कि 2020 में 255 छोटी-बड़ी पत्थरबाजी की घटना हुई जो 2019 की तुलना में लगभग 87% कम हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया