एक मुस्लिम परिवार का डर, हिंदू परिवार को लिखना पड़ा- यह मकान बिकाऊ है: ग्रेटर नोएडा का मामला, पुलिस ने बताया- आपसी झगड़ा

एक मुस्लिम परिवार का डर, हिंदू परिवार को लिखना पड़ा- यह मकान बिकाऊ है: ग्रेटर नोएडा का मामला

दिल्ली से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्रेटर नोएडा के हल्दौनी गाँव में एक हिंदू परिवार पलायन को मजबूर हो गया है। घर की दीवार पर लिख दिया गया है, “यह मकान बिकाऊ है: एक समुदाय के कारण पलायन को मजबूर।” यहाँ भी यह समुदाय एक मुस्लिम परिवार ही है। जब से यह तस्वीर वायरल हुई है मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बता दें कि कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के ही कैराना, मेरठ सहित कई दूसरी मुस्लिम बहुल जगहों से भी इसी तरह के कई मामले सामने आए थे, तब यह मामला भी खूब सुर्खियों में था।

दरअसल, इस मामले में हिन्दू परिवार का आरोप है कि एक समुदाय के लोग (मुस्लिम परिवार) हमें डरा-धमका रहे हैं। झगड़े की वजह पाँच महीने पहले जून में गाड़ी टकराने की घटना से हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, तब रोडरेज के मामले में रोहित और अमन के बीच झगड़ा और मारपीट हुआ था। दोनों युवक अलग-अलग समुदाय के है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से ही दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी चली आ रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि आपसी दुश्मनी के कारण दोनों पक्ष एक दूसरे पर बढ़ा-चढ़ाकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते है।

इस विवाद पर पुलिस कमिश्नरेट गौतम बुद्ध नगर के हैंडल से ट्वीट कर कहा गया, “दोनों पक्षों में माह जून, 2021 में घटित घटना की मुकदमेबाजी को लेकर विवाद है। दोनों पक्ष पेशबंदी में एक दूसरे पर बढ़ा चढ़ाकर आरोप लगाते रहते हैं। दोनों पक्षों के मध्य शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा- 107/116 दंड प्रक्रिया संहिता की कार्रवाई की जा चुकी है।”

वहीं अब रोहित के परिवार ने अपने घर की दीवार पर लिखवा दिया, “यह मकान बिकाऊ है। एक समुदाय के कारण वह पलायन करने को मजबूर है।” जिले के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर पीड़ित हिन्दू परिवार की मदद की गुहार लगाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईकोटेक तीन कोतवाली प्रभारी भुवनेश शर्मा ने भी बताया, “पाँच महीने से दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। रोडरेज को लेकर पूर्व में मारपीट हुई थी। मामले की गहनता से जाँच की जा रही है। किसी पक्ष को यदि कोई दिक्कत है तो पुलिस से शिकायत करनी चाहिए।”

वहीं ऑपइंडिया ने इस मामले में जब पीड़ित परिवार से संपर्क साधा तो कुछ और मामले भी निकलकर सामने आए। पीड़ित परिवार का कहना है, “सही है इस झगड़े की शुरुआत इसी साल जून में हुई थी। तब हमारे परिवार के बेटे को एक मुस्लिम ने बेवजह मारा था।” उन्होंने FIR की कॉपी भी हमें भेजा है। वहीं उनका कहना है कि आरोपित जब जेल से छूट कर आया तो उसने 2 दिन पहले ही हमारे परिवार पर फिर से हमला किया।

इसके साथ ही पीड़ित परिवार ने पिछले सालों की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया, “साल 2019 में भी एक अन्य मुस्लिम परिवार ने मेरे पिता को गालियाँ और धमकी दी थी।” पीड़ित परिवार का कहना है, “उस कॉलोनी में करीब 100 से अधिक मुस्लिम परिवारों के बीच 3 से 4 हिन्दू परिवार ही रहते हैं।”

वहीं पीड़ित परिवार की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि हमने तंग आकर दोबारा मकान बिकाऊ है, लिखा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया