40 मंजिला दो टावर-950+ फ्लैट, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 2 हफ्ते में गिराना शुरू करो, 28 फरवरी तक पैसा वापस करो

SC ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर ध्वस्त करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रियल एस्‍टेट कंपनी सुपरटेक के नोएडा स्थित ट्विन टावर को 2 सप्ताह के अंदर गिराने का आदेश दिया है। ये इमारतें सुपरटेक कंपनी के एमेराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में बनी हैं। अदालत ने नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के सीईओ को आदेश दिया है कि वह 72 घंटे यानी 3 दिनों के भीतर सभी संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाए। इस बैठक में इमारतों को गिराने का शेड्यूल तय करें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक लिमिटेड को आदेश दिया था कि वह इन इमारतों में फ्लैट खरीदने वाले लोगों को रकम वापस करें।

टावर को गिराने के लिए सीबीआरआई के संपर्क में नोएडा प्राधिकरण

17 जनवरी को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने सुपरटेक को नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो 40 मंजिला टावर को ध्वस्त करने के लिए एक कंपनी के साथ एक सप्ताह के भीतर अनुबंध करने का निर्देश दिया था। नोएडा प्राधिकरण ने पीठ को सूचित किया था कि उसने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के साथ परामर्श कर दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग का चयन किया है। शीर्ष अदालत ने सुपरटेक लिमिटेड को घर खरीदारों को उनके अधिकारों और विवादों के पूर्वाग्रह के बिना पैसे लौटाने का भी निर्देश दिया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को भी नोएडा के सेक्टर-93 स्थित सुपरटेक एमराल्ड के दोनों 40 मंजिला टावरों को ध्वस्त करने के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए बिल्डरों को फटकार लगाई थी। साथ ही कोर्ट ने निदेशकों को न्यायालय में अनुपस्थित रहने पर जेल भेजने की चेतावनी दी थी।

28 फरवरी तक घर खरीदारों को तय राशि लौटाने का निर्देश

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने 4 फरवरी को एक सुनवाई में सुपरटेक को निर्देश दिया कि वह इस परियोजना के दोनों टावर के घर खरीदारों को तय राशि 28 फरवरी तक लौटा दे। न्यायालय की तरफ से इस मामले में नियुक्त ‘न्याय-मित्र’ गौरव अग्रवाल ने घर खरीदारों को लौटाई जाने वाली राशि निर्धारित की है। न्यायालय ने कहा कि बकाया आवासीय ऋण वाले मामलों में कंपनी को 31 मार्च तक कर्ज निपटाना होगा और संबंधित वित्तीय संस्थान से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेकर 10 अप्रैल 2022 तक जमा करना होगा।

अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था दोनों टावरों को गिराने का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 को सुपरटेक के निर्माणाधीन 40 मंजिला दोनों टावरों को ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा था कि इस काम को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाए। इसके साथ ही उसने इस परियोजना में घर खरीदने वाले सभी खरीदारों को बुकिंग के समय से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ रकम लौटाने का निर्देश सुपरटेक को दिया था।

क्यों होगी ध्वस्त

सुपरटेक की दोनों बिल्डिंग्स नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं। इनका नाम है- एमरल्ड कोर्ट ट्विन टावर्स। जानकारी के मुताबिक इन टावर्स में 950 से ज्यादा फ्लैट हैं और एक टॉवर 40 मंजिल का है। इनमें सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके थे। बता दें कि ये एक अवैध कंस्ट्रक्शन था, इसलिए टावर्स को तोड़ने के आदेश  दिए गए। ये कंस्ट्रक्शन सुपरटेक बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से किया गया था। दरअसल, जिस जमीन पर दोनों टावर बने हैं, वो जगह एक पार्क बनाने के लिए थी। हालाँकि, जमीन सुपरटेक की ही थी लेकिन उसने पार्क वाली जगह पर अवैध तरीके से दोनों टावर बनवाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया