मोहम्मद जुबैर के खिलाफ UP में निकली एक और FIR, अब चंदौली में 11 महीने पुरानी फाइल खुली: SIT ने बताए थे 6 ही केस

मोहम्मद जुबैर पर चंदौली के कोतवाली थाने में भी दर्ज है एक FIR

फैक्टचेक के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने के आरोपित मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक और FIR सामने आई है। यह FIR चंदौली जिले में 27 अगस्त 2021 में IT एक्ट की धाराओं में दर्ज हुई थी। खास बात यह है कि जुबैर से जुड़े मामलों की जाँच के लिए गठित एसआईटी (SIT) ने जो बयान जारी किया था उसमें इसका जिक्र नहीं था।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के सीतापुर, लखीमपुरी खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, हाथरस से ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक जुबैर के खिलाफ दर्ज 6 मामले सामने आए थे। इनमें हत्या की धमकी से लेकर हिन्दू घृणा तक के मामले शामिल हैं। अब चंदौली का मामला सामने आने के बाद यूपी में दर्ज मामलों की संख्या 7 हो गई है। चंदौली में दर्ज FIR में शिकायतकर्ता प्रशांत सिंह हैं। वे वाराणसी क्षेत्र से सुदर्शन न्यूज़ के संवाददाता हैं।

प्रशांत सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है, “हमें सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी कि जुबैर ने ट्विटर पर सुदर्शन न्यूज के एक ग्राफिक्स के आधार पर 14 मई 2021 के ग्राफिक्स में मदीना की अल नवाबी मस्जिद होने की अफवाह उड़ाई थी। इसके साथ उसने दुनिया भर के मुस्लिमों से सुदर्शन न्यूज का विरोध करने की अपील की थी। हमने अपनी जाँच में जुबैर के दावे को गलत पाया। जुबैर ने महामारी के दौर में समाज में वैमनस्यता फैलाई है। वह उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ भी कई बार अपनी साजिशों में एक्सपोज हो चुका है।”

शिकायत की कॉपी

इस शिकायत पर चंदौली पुलिस ने IT एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत FIR दर्ज करते हुए मोहम्मद जुबैर को नामजद किया है। FIR चंदौली कोतवाली में दर्ज है। FIR में जुबैर द्वारा किए गए अपराध का समय 14 मई 2021 दिखाया गया है।

FIR Copy

ऑपइंडिया से बात करते हुए शिकायतकर्ता प्रशांत सिंह ने बताया, “FIR लगभग 11 महीने पहले दर्ज हुई थी। कल (13 जुलाई 2022) मैंने जिले के पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को इसके संबंध में कॉल किया तो उन्होंने इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने इसे SIT की जानकारी में लाने का भरोसा दिया है। हम जुबैर पर कड़ी कार्रवाई चाहते हैं।”

गौरतलब है कि हिन्दू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के साथ भड़काऊ ट्वीट के आरोप में जुबैर पर दिल्ली के साथ UP में कई केस दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश में दर्ज केसों की जाँच के लिए SIT का गठन किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया