नहीं रहे शास्त्रीय संगीत के ‘रसराज’, लॉकडाउन के चलते अमेरिका के न्यूजर्सी में ली अंतिम साँस

पंडित जसराज

लोकप्रिय भारतीय शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का सोमवार (अगस्त 17, 2020) को अमेरिका के न्यूजर्सी में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। वह इस साल जनवरी में 90 साल के हो गए थे।

पद्म विभूषण पंडित जसराज पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ अमेरिका में ही थे। उन्होंने कोरोना वायरस के बीच जारी लॉकडाउन के कारण अमेरिका में ही रुकने का फैसला लिया था। उनके परिवार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, “गहरे दुख के साथ हम बता रहे हैं कि संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी ने आज सुबह 5.15 EST को न्यूजर्सी, यूएसए में अपने घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण अंतिम साँस ली।”

लगभग 80 वर्षों के संगीतमय करियर के दौरान, पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय संगीत के शीर्ष पर रहे और पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों का प्राप्त किया। उन्होंने शास्त्रीय गायकों की एक पीढ़ी का प्रतिनिधित्व किया।

पीएम मोदी ने जताया शोक

पंडित जसराज के निधन पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा, “पंडित जसराज जी के निधन से भारतीय सांस्कृतिक क्षेत्र में एक खालीपन आ गया है। न केवल उनकी प्रस्तुतियाँ उत्कृष्ट थीं, उन्होंने कई अन्य गायकों के लिए एक असाधारण गुरु के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। दुनियाभर में उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।”

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पंडित जसराज पहले भारतीय संगीतकार थे जिनके नाम पर एक छोटे ग्रह का नाम रखा गया था। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने मंगल और बृहस्पति के बीच एक छोटे सा ग्रह -VP32 (संख्या -300128), नवंबर 11, 2006 को ‘पंडितराज’ के रूप में खोजा गया था। इनके अलाव अन्य प्रसिद्ध संगीतकार जिनके नाम पर खगोलीय पिंड हैं, वे मोजार्ट, बीथोवेन और टेनर लुसियानो पावारोट्टी हैं।

साल 2012 में उन्होंने 82 साल की उम्र में अंटार्कटिका पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके साथ ही वे सातों महाद्वीप में कार्यक्रम पेश करने वाले पहले भारतीय बन गए। पद्म विभूषण से सम्मानित मेवाती घराना के पंडित जसराज ने जनवरी 08, 2012 को अंटार्कटिका तट पर ‘सी स्पिरिट’ नामक क्रूज पर गायन कार्यक्रम पेश किया था।

अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था ‘रसराज’

पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, जो कि कविता और संगीत के पारखी, ने पंडितजी को ‘रसराज’ कहा था। उन्होंने अपनी जीवनी, ‘रसराज: पंडित जसराज’ के लॉन्च के दौरान इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि यह एक उपाधि है, जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया