कर्नाटक: कलबुर्गी में दीवार पर लिखे ‘पाकिस्‍तान जिंदाबाद’ के नारे और PM मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी

कलबुर्गी में घर की दीवार पर लिखे गए पाक समर्थित नारे (फोटो साभार: The Hindu)

कर्नाटक के कलबुर्गी में रविवार (मार्च 1, 2020) की सुबह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे और दीवार पर मोदी विरोधी टिप्पणी करने की एक और घटना सामने आई है। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने इसके पीछे जिम्मेदार अपराधियों को पकड़ने के लिए जाँच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक कलबुर्गी के हफ्त गुम्बज इलाके के एक स्थानीय निवासी किशन राव हगरगुंडगी के घर की दीवार पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का विवादास्पद नारा लिखा हुआ पाया गया। इसके अलावा अज्ञात बदमाशों ने दीवार पर चारकोल से पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थी। मकान में रहने वाले किराएदार मनोज चौधरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153A, 153B, 124A, और 505 (2) के तहत चौक पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया।

स्थानीय लोगों ने पुलिस से तुरंत कारर्वाई की माँग करने के साथ ही पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों। पुलिस ने स्थानीय लोगों को इसका आश्वासन दिया और फिर दीवार पर लिखे हुए शब्दों को मिटा दिया। 

इस घटना के सामने आने के बाद बीजेपी नेता दिव्या हगारगी ने चौक पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया। उन्होंने और भाजपा की अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की माँग की। दिव्या ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि 15 फरवरी को कलबुर्गी में आपत्तिजनक भाषण दिया था तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज हेने के बाद ही मामला दर्ज किया गया था।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के हुबली ग्रामीण तालुक के बुदरसिंगी गाँव में एक स्कूल की दीवारों पर पाकिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। बताया जा रहा है कि शिक्षकों और छात्रों ने स्कूल की दीवारों पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘टीपू सुल्तान शाले’ लिखा था।

वहीं पिछले दिनों वामपंथी कार्यकर्ता अमूल्या लियोना ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए थे। फिलहाल वो देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद है। अमूल्या के गिरफ्तारी के बाद उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अमूल्या ने हाल ही में खुलासा किया है कि वो एक पेड प्रोटेस्टर है। उसने पुलिस को बताया कि पिछले साल दिसंबर में सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के बाद से सीएए के विरोध में रैली आयोजित करने वाले आयोजक उसका खर्च उठा रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया