बिहार में हुआ पैदा, परिवार वाले पाकिस्तान में, काम दुबई में… हिंदुओं का सफाया करने का सपना देखने वाले ताहिर की A2Z कहानी

बिहार पुलिस ने PFI मामले में ताहिर को गिरफ्तार किया (फोटो साभार: आजतक)

पटना के फुलवारी शरीफ (Phulwari Sharif, Patna) में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ट्रेनिंग कैंप पर छापेमारी के बाद उससे जुड़े संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। इस मामले में बिहार पुलिस ने गुरुवार (14 जुलाई 2022) को मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर उर्फ इलियास को गिरफ्तार किया है।

ताहिर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को उसकी मोबाइल ऐसी सामग्री मिलीं, जो जाहिर करती हैं कि उसके विदेशों में भी संपर्क हैं। वह न सिर्फ पाकिस्तान स्थित गजवा-ए-हिंद (Ghazwa-E-Hind) से जुड़ा हुआ है, बल्कि उसके तार बांग्लादेश से लेकर यमन तक जुड़े हुए हैं।

ताहिर आतंकी संगठन गजवा-ए-हिंद के WhatsApp ग्रुप से जुड़ा था। इस ग्रुप में कई पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और यमन के कट्टरपंथी जुड़े हुए थे। इस ग्रुप का फैजान नाम का शख्स लगातार उसके संपर्क में था। इस WhatsApp ग्रुप का आइकॉव और चैट देश विरोधी, संप्रदाय विरोधी और आपत्तिजनक हैं।

इसके अलावा, ताहिर पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के ग्रुप से भी जुड़ा था। इस ग्रुप में 181 लोग जुड़े हुए थे। इस ग्रुप का एडमिन जीशान नाम का एडमिन पाकिस्तानी है और उसने ताहिर को भी एडमिन बनाया था। इसका मकसद था भारत में 2023 में जिहाद के नाम डायरेक्ट एक्शन करना और खिलाफत का ऐलान करना।

पुलिस के अनुसार, ताहिर साल 1996 में फुलवारी शरीफ में पैदा हुआ। हालाँकि, उसका परिवार मूलत: गया जिले के बिठो शरीफ का रहने वाला है। उसके परिवार के कुछ लोग पाकिस्तान के कराची में भी बसे हुए हैं। वह साल 2006 से 2020 तक दुबई में काम करता था। इसने मदरसे से हाफिज बस्तानिया एवं फोकानिया की पढ़ाई की है।

पुलिस सूत्रों के हवाले के से आजतक का कहना है कि जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि ताहिर साल 2016 से ही पाकिस्तान में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के संपर्क में था। वह WhatsApp, ईमेल और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से उनसे जुड़ा हुआ था।

ताहिर के खिलाफ पुलिस भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121, 121A, 120, 120B, 505 (1) (B), 153 (A) और आईटी एक्ट की धारा 66 के अंतर्गत केस दर्ज करके कार्रवाई कर रही है।

इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की जाँच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वालों में झारखंड पुलिस में पूर्व दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बीर मलिक और शमीम अख्तर के अलावा और भी कई लोग शामिल हैं।

इस मामले में पुलिस ने रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसीफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-उर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब आलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जीशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी उर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकीन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल) के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

ये सभी फुलवारी शरीफ आते थे और यहाँ मुस्लिमों का ब्रेनवॉश कर उन्हें देश के खिलाफ जिहाद के लिए भड़काते थे और भारत को साल 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने के लिए PFI से जोड़ने का काम करते थे। FIR में यह भी कहा गया है कि केरल और तमिलनाडु से 12 लोग आए थे, जो तलवार चलाने की ट्रेनिंग देेते थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया