‘हिंदुओं का कत्लेआम करने वाले अकबर का शासनकाल सर्वश्रेष्ठ तो रामराज्य क्या?’: मनोज मुंतशिर ने पूछा तो गालीबाजी पर उतरे कट्टरपंथी

कवि मनोज मुंतशिर (साभार: Telly Chakkar)

कवि मनोज मुंतशिर ने अपने हालिया वीडियो में मुगल बर्बरता का खुलासा किया है, जिसके बाद उन्हें लिबरलों, इस्लामियों और वामपंथी ‘इतिहासकारों’ के नफरतों का सामना करना पड़ रहा है। जिस पोस्ट में उन्होंने वीडियो को प्रमोट किया, उस पर काफी सारे अभद्र कमेंट्स किए गए। इतना ही नहीं, ‘इतिहासकार’ इरफान हबीब, तथाकथित पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक और आरजे फहद उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीयों के खिलाफ मुगल आक्रमणकारियों की बर्बरता के बारे में बोलने पर कवि मनोज को खारिज किया।

कवि द्वारा शेयर किए गए वीडियो की एक क्लिप में वह यह पूछते हुए दिखाई दे रहे थे कि हम भारतीय अपनी विरासत की विकृति को कैसे स्वीकार कर सकते हैं। उन्होंने पूछा कि हजारों भारतीयों को मारने वाले आक्रमणकारियों और लुटेरों को नायक के रूप में कैसे दिखाया जा सकता है। उन्होंने मुगलों की ‘महिमामंडित डकैतों’ (‘glorified dacoits’) के रूप में आलोचना की। उन्होंने लोगों से अपनी विरासत को पहचानने और बर्बर एवं लुटेरों को नायकों के रूप में महिमामंडित करने से बचने के लिए कहा।

https://twitter.com/manojmuntashir/status/1430061294275629062?ref_src=twsrc%5Etfw

वामपंथी ‘इतिहासकार’ इरफान हबीब ने कहा, “एक कवि और लेखक को इतिहास के रूप में संदिग्ध और काल्पनिक तर्कों का उपयोग करके जहर उगलते हुए देखना दुखद है।”

https://twitter.com/irfhabib/status/1430707575603924992?ref_src=twsrc%5Etfw

दिलचस्प बात यह है कि तथाकथित पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने मनोज को इतिहास का पाठ पढ़ाने के लिए विकिपीडिया का इस्तेमाल किया। उसने कहा, “इस आदमी को इतिहास किसने पढ़ाया? वह बंगाल पर मराठा आक्रमण को क्या कहेंगे?” इस दौरान पटनायक ने विकिपीडिया का लिंक भी शेयर किया।

https://twitter.com/devduttmyth/status/1430710715636015112?ref_src=twsrc%5Etfw

आरजे फहद ने रेख्ता के लिए मनोज का साक्षात्कार लेने पर खेद व्यक्त किया और कहा, “मुझे खेद है कि मैंने रेख्ता के लिए इस नफरत फैलाने वाले और धर्मांध व्यक्ति का साक्षात्कार लिया। इतना जहर कहाँ से लाते हैं ये लोग?”

https://twitter.com/rjfahad/status/1430604779311484935?ref_src=twsrc%5Etfw

वहीं, इस्लामी हुसैन हैदरी ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब वह नफरत या झूठ फैला रहे हैं और यह आखिरी बार भी नहीं होगा। यह कोई आउट ऑफ ब्लू (अप्रत्याशित) वीडियो नहीं है। खैर, सरकार और समाज ने दंडित करने के बजाय मुस्लिम विरोधी जहर उगलने के लिए प्रोत्साहित किया हुआ है, सो उगल रहा है।”

https://twitter.com/hussainhaidry/status/1430741158183927811?ref_src=twsrc%5Etfw

मनोज द्वारा शेयर किए गए हालिया वीडियो में क्या है?

हाल ही में मनोज मुंतशिर ने अपने यूट्यूब चैनल पर जो वीडियो शेयर किया है उसमें उन्होंने धर्म, जाति और अन्य बाधाओं से परे नायकों को चुनने की बात की। उन्होंने मुगलों के इतिहास को ‘गौरवशाली’ बताकर पढ़ाने और हिंदुओं के खिलाफ हुए अत्याचारों को छुपाने पर इतिहासकारों और शिक्षकों से सवाल किया। मनोज ने पूछा कि अकबर द्वारा हिंदुओं पर जजिया हटाने का जिक्र क्यों है, जबकि इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि शासक के रूप में उसने अपने कार्यकाल के दौरान फिर से जजिया लगाया था।

साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि जब किताबों में ‘ग’ से गणेश हटा कर ‘ग’ से गधा लिख दिया गया तो किसी ने आपत्ति क्यों नहीं की। मनोज ने कहा कि रावण के ब्राह्मण होने के बावजूद कोई भी ब्राह्मण उसकी पूजा नहीं करता, क्योंकि वह दुष्ट था। उन्होंने कहा कि हमें अपने नायकों को उनके कर्मों के आधार पर चुनना चाहिए, न कि उनकी पहचान के आधार पर। उन्होंने वर्षों से तथाकथित इतिहासकारों और सरकारों द्वारा किए गए ज़बरदस्त मुगल महिमामंडन के खिलाफ बात की थी।

उन्होंने अकबर के कार्यकाल को भारतीय इतिहास में सर्वश्रेष्ठ कहने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “शासक के रूप में उनका कार्यकाल इतिहास में सबसे अच्छा कैसे होगा जब हजारों हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित नहीं करने के लिए मार दिया गया था। अगर उनका कार्यकाल सबसे अच्छा था, तो राम राज्य क्या था?” मनोज ने उन नेताओं पर सवाल उठाया जिन्होंने इस तथ्य की अनदेखी करते हुए कि मुगलों ने हजारों हिंदुओं को बेरहमी से मार डाला और मंदिरों को नष्ट कर दिया, मुगलों के नाम पर सड़कों का खुशी-खुशी उद्घाटन किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया