राजस्थान: भाजपा के दलित नेता पर हमला, ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने मारपीट कर कपड़े फाड़े

राजस्थान में भाजपा नेता कैलाश मेघवाल के साथ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई मारपीट (फोटो : पत्रिका)

राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ‘तथाकथित’ किसानों द्वारा भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के साथ मारपीट करने और उनके कपड़े फाड़ने का मामला सामने आया है। मेघवाल राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार के खिलाफ महँगाई और सिंचाई के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए गए हुए थे।

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रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीगंगानगर कलेक्ट्रेट के समीप भाजपा द्वारा राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। यहीं से थोड़ी दूर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में किसानों का भी विरोध प्रदर्शन चल रहा था। भाजपा नेता मेघवाल अपनी पार्टी द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जा रहे थे, लेकिन गलती से वो किसानों के प्रदर्शन स्थल पर पहुँच गए। मेघवाल के गले में भाजपा के कमल निशान वाला गमछा था, जिसे देखकर प्रदर्शनकारी किसान भड़क उठे। इसके बाद मेघवाल के साथ मारपीट की गई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मेघवाल को घेर रखा है और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है।

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यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के विरोध प्रदर्शन स्थल की ओर भी बढ़ने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए 3 बैरिकेड्स को तोड़ दिया गया। प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई, जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने भाजपा और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और वहीं धरना देते हुए बैठ गए।

ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता ने घटना की निंदा की है और कहा है कि मेघवाल के खिलाफ किया गया हमला एक दलित पर किया गया हमला है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर की जाने वाली यह हिंसा अस्वीकार्य है। राजस्थान में कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहने पर उन्होंने राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार की भी निंदा की।

हालाँकि, यह पहली घटना नहीं है जब किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा भाजपा नेताओं को निशाना बनाया गया हो। 11 जुलाई 2021 को हरियाणा के सिरसा में राज्य के डेप्युटी स्पीकर और भाजपा नेता रणबीर गंगवा पर हमला किया गया था। इस हमले में गंगवा बाल-बाल बचे थे और उनके सरकारी वाहन को भी नुकसान पहुँचा था। इसके बाद करीब 100 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर में किसान नेताओं हरचरन सिंह और प्रह्लाद सिंह का नाम भी शामिल था। आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-A (राजद्रोह) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था और साथ ही 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

हाल ही में श्रीगंगानगर के ही पदमपुर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में कुछ किसान प्रदर्शनकारी पहुँच गए थे और एक महिला के साथ बदसलूकी की थी। यहाँ भाजपा द्वारा आयोजित बैठक में भाजपा के जिला प्रभारी को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था। इस दौरान वो लगातार भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते रहे। साथ ही एक महिला नेता को धक्का देकर उनके कपड़े खींचने की कोशिश की गई थी। जब उन्हें बचाने के लिए कुछ भाजपा कार्यकर्ता आगे आए तो उनकी लाठी-डंडों से पिटाई कर दी गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया