स्वागत समारोह में गिरा राकेश टिकैत का मंच, लोगों ने ग्रेविटी को बताया ‘संघी’

मंच से गिरे किसान नेता राकेश टिकैत (वायरल वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट)

केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन के 70वें दिन हरियाणा के जींद जिले में महापंचायत हो रही है। महापंचायत के लिए कंडेला गाँव पहुँचे राकेश टिकैत का जोरदार स्वागत हुआ। मगर मंच पर तय सीमा से कहीं अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिससे वह टूट गया। अचानक मंच टूटने से राकेश टिकैत समेत अन्य नेता नीचे गिर पड़े। मौके पर हड़कंप मच गया।

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जींद में महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहुँचे। कंडेला गाँव में 50 खापों के प्रमुख भी इस महापंचायत में शामिल होने अपने समर्थकों के साथ पहुँचे थे। मंच पर राकेश टिकैत का स्वागत करने और उन्हें माला पहनाने की होड़ मच गई।

महापंचायत के दौरान मचा हड़कंप

दर्जनों लोग एक साथ मंच पर आ गए और राकेश टिकैत का सम्मान करने लगे। इसी दौरान अचानक मंच टूट गया और राकेश टिकैत समेत अन्य नेता नीचे आ गिरे। मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में राकेश टिकैत को उठाया गया। कुछ देर बाद कार्यक्रम शुरू किया गया। इस घटना पर कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर लोगों ने ग्रेविटी (गुरुत्वाकर्षण बल) को ‘संघी’ बता दिया है।

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टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इस महापंचायत में शामिल हुए हैं। टेक राम कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा है। करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है। दूसरी खाप ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। टेकराम कंडेला ने कहा कि आज के कार्यक्रम में कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की माँग की जाएगी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत के रोने की तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल किए गए थे, जिसके बाद कई नेताओं ने मामले को जातिवादी बना दिया, तो कइयों ने सहानुभूति लहर पर सवार होकर ‘किसान आंदोलन’ को फिर से ज़िंदा कर दिया। उनके रोने से 2 दिन पहले गणतंत्र दिवस (जनवरी 26, 2021) के दिन दिल्ली की ‘ट्रैक्टर रैली’ में जम कर हिंसा हुई थी। जिसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या खालिस्तानियों ने उनकी पिटाई की थी?

मीडिया पोर्टल ‘Kreatey’ पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, राकेश टिकैत के रोने से पहले खालिस्तानियों ने टेंट के भीतर ही उनकी पिटाई की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कुछ कट्टर सिखों ने उन्हें थप्पड़ और लातों से तो मारा ही था, साथ ही उनसे पैसे वापस लेने की भी धमकी दी थी। जबकि राकेश टिकैत ने रोते हुए दावा किया था कि प्रशासन किसानों का दमन कर रहा है और उनका आत्महत्या करने का मन कर रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया