लंदन जाने से रोके जाने पर प्रोपेंगेंडा पत्रकार राणा अय्यूब पहुँचीं दिल्ली HC, कहा- जल्दी कीजिए मुझे विदेश जाना है, ‘चंदा घोटाले’ में गिरी है गाज

राणा अय्यूब कोविड फंड के दुरुपयोग के मामले में आरोपित हैं। (रेडिफमेल)

वामपंथी और कट्टर इस्लामी गिरोह की कथित पत्रकार और वाशिंगटन पोस्ट के कॉल्मनिस्ट राणा अय्यूब ने जाँच एजेंसियों द्वारा लंदन जाने से रोके जाने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। अय्यूब ने कोर्ट से उन्हें देश से बाहर जाने देने की इजाजत माँगी है। इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने 29 मार्च को उन्हें लंदन जाने से रोक दिया था।

देश से बाहर जाने पर लगाई गई जाँच एजेंसियों की रोक के खिलाफ कथित पत्रकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और जस्टिस नवीन चावला की बेंच के समक्ष समक्ष याचिका दायर की। अय्यूब ने मामले को जल्द से जल्द लिस्टेड करने की माँग करते हुए कहा कि उसे कल ही विदेश जाना है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर इसे सुबह 11 बजे से पहले फाइल किया गया तो कल लिस्टेड हो जाएगा।

गौरतलब है कि 29 मार्च 2022 को राणा अय्यूब ने उन्हें एयरपोर्ट पर रोके जाने का खुलासा खुद ही ट्विटर के जरिए किया। प्रोपेगेंडा पत्रकार ने ट्वीट किया था, “आज मुझे मुंबई में लंदन जाने से रोक दिया गया। जब मैं International Journalism Festival में भारतीय लोकतंत्र और पत्रकारों को डराने-धमकाने पर अपना भाषण देने के लिए लंदन के लिए अपनी फ्लाइट पकड़ने वाली थी। मैंने इसके बारे में कुछ हफ्ते पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था, फिर भी मुझे रोके जाने के बाद ईडी का समन मेरे इनबॉक्स में आ गया।” राणा के ट्वीट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि राणा अय्यूब को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर के कारण देश छोड़ने से रोक दिया गया था।

दरअसल, लोगों की मदद के नाम पर धन की उगाही और उस पैसे की गड़बड़ी करने के मामले में प्रोपेगेंडा पत्रकार राना अय्यूब (Rana Ayyub) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत फरवरी 2022 में बड़ी कार्रवाई की थी। एजेंसी ने अय्यूब की 1.77 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क कर लिया था। ईडी ने कहा था कि राना अय्यूब ने एक साजिश के तहत आम जनता को धोखा दिया है।

ईडी को पता चला था कि कोरोना में मदद के नाम पर राणा अय्यूब ने हजारों डॉलर एकत्र किए थे और उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के नाम व्यक्तिगत बैंक अकाउंट्स में जमा कर दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया