ईसाई बनो, मकान-नौकरी सब मिलेगा: कानपुर में किराए के घर से चल रहा था धर्मांतरण का रैकेट, हिंदुओं को शादी तक का दे रहे थे लालच

कानपुर में धर्मांतरण (तस्वीर साभार: दैनिक भास्कर)

उत्तर प्रदेश के कानपुर से रविवार (6 मार्च 2023) को धर्मांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस संबंध में दो लोगों को पकड़ा है। ये दोनों एक फ्लैट में रहकर लोगों को अच्छी नौकरी, बिजनेस, मकान और शादी का लालच देकर बरगलाने का काम करते थे। पुलिस को इनके पास से ताइवान भाषा में लिखी कुछ पुस्तकें बरामद हुई हैं। अब इस मामले की जाँच एटीएस, आईबी, मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत अन्य जाँच एजेंसियों के अधिकारी कर रहे हैं।

पूरा मामला चकेरी थाने के श्यामनगर का है। स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि फ्लैट में धर्मांतरण का कार्य होता है। इसी बाबत बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता वहाँ पहुँचे और उन्होंने फ्लैट पर 50 से अधिक पुरुष और महिलाओं को पाया। विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष आनंद सिंह ने बताया कि इन सब लोगों का फ्लैट में ब्रेन वॉश हो रहा था, जिन्हें ईसाई धर्म से जुड़े साहित्य भी उपलब्ध कराए गए थे। उनके मुताबिक करीबन 8-10 लोगों को हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बनने को कहा जा रहा था।

जब पुलिस को इस धर्मांतरण के खेल की सूचना मिली तो फ्लैट पर फोर्स पहुँची और दो युवकों (अभिजीत और रजत) को धरा। साथ ही 6 संदिग्धों (जीवन, शिवांग, शीतल, जाबिन, राणाजी समेत 6) को हिरासत में लिया। गिरफ्तार हुए युवकों में से एक ने खुद को उत्तराखंड के चमोली का बताया और दूसरे ने खुद को थर्ड जेनरेन क्रिश्चियन बताया।

पुलिस को इनके पास से लैपटॉप, कम्प्यूटर में धर्मांतरण की प्रचार सामग्री बरामद हुई है। 4 ऐसे लोग भी मिले हैं जिन्हें लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मना लिया गया था। अब पुलिस इनका फंडिंग कनेक्शन तलाश रही है। पुलिस का कहना है कि उन्हें छानबीन में मिले दस्तावेजों में ताइवान की भाषा लिखी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद देव तिवारी ने बताया कि फ्लैट पर धर्म परिवर्तन का काम नौकरी और बेहतर जीवन के नाम पर किया जा रहा था। फ्लैट से जिस प्रकार के दस्तावेज मिले हैं उसे देख यही लगता है कि मामले में और जाँच की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुलिस की पड़ताल में 4 लोग ऐसे भी मिले जो धर्मांतरण को तैयार थे पर अभी उनका धर्म परिवर्तन हुआ नहीं था। पुलिस ने बताया कि फ्लैट में रहकर धर्मांतरण की गतिविधि ऑपरेट की जा रही थी।

हैरानी की बात ये है कि आरोपितों की कोई लोकल इनकम सोर्स का नहीं पता चल पाया है जबकि इनका मासिक खर्चा 2 लाख रुपए से ऊपर का है। पुलिस मान रही है कि कानपुर में धर्मांतरण का खेल किसी एनजीओ द्वारा संचालित हो रहा था।  पुलिस अब दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया