“शरजील तेरे सपनों को मंजिल तक पहुँचाएँगे।”
मुंबई में शनिवार (फरवरी 1, 2020) को आयोजित क्वीर प्राइड परेड में यह नारा काफ़ी देर तक गूँजता रहा। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने देश के ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाली मानसिकता का परिचय दिया। मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित इस रैली में सीएए विरोधियों ने ‘लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर’ हितों की बात करने का दावा करते हुए सीएए के ख़िलाफ़ अपना प्रोपेगेंडा चलाया और भ्रम फैलाया। एनआरसी और एनपीआर को लेकर भी अफवाहें फैलाई गईं।
क्वीर आज़ादी मुंबई प्राइड मार्च के लिए अगस्त क्रांति मैदान में रैली करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके बाद सीएए विरोधियों ने मुंबई पुलिस से ‘सॉलिडेरिटी मार्च’ के लिए अनुमति ली। इसके लिए शनिवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया। इस रैली में न सिर्फ़ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए गए बल्कि कई बैनर-पोस्टरों के जरिए सीएए और एनआरसी का भी विरोध किया गया। विरोध तो सीएए, एनआरसी और एनपीआर का हो रहा था लेकिन नारे ‘आज़ादी’ के लग रहे थे।
https://twitter.com/Blackdrug_/status/1223623584318275584?ref_src=twsrc%5Etfwएक बैनर में तो ‘कश्मीरी की आज़ादी’ की ही माँग कर डाली गई। इससे पहले मुंबई पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को ‘आज़ादी मार्च’ निकालने की अनुमति नहीं दी थी और कहा था कि इससे क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। इसके बाद मीडिया ने उद्धव सरकार की आलोचना भी की थी। अब जब रैली हुई तो इसमें ‘राजीव तेरे सपनों को, रावण तेरे सपनों को, पायल तेरे सपनों को- हम मंज़िल तक पहुँचाएँगे’ जैसे भड़काऊ नारे लगाए गए।
https://twitter.com/poojasriganesan/status/1223595104511778817?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें कि शरजील इमाम फ़िलहाल दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के शिकंजे में है और उसे यूपी पुलिस द्वारा ले जाए जाने की संभावना है। शरजील से पूछताछ के दौरान कई खुलासे हुए हैं और उसकी जिहादी मानसिकता का पता लगा है। वो मस्जिदों में सीएए के ख़िलाफ़ भड़काऊ पंफलेट बाँटा करता था। उसके मोबाइल फोन, कम्प्यूटर और लैपटॉप की भी जाँच की जा रही है।
https://twitter.com/LegalLro/status/1223646323322179584?ref_src=twsrc%5Etfwपूछताछ में शरजील ने अपने वायरल हो रहे बयानों को भी सच बताया। उसके गिरफ़्तार होने के बाद अब शाहीन बाग़ का प्रदर्शन भी कमजोर पड़ता दिख रहा है और उपद्रवी वहाँ से निकलने के लिए तरह-तरह से बहाने बनाने में जुटे हैं।