6 देश से चल रहे 9 संगठन, मिशन- पंजाब में आतंक और रक्तपातः रिपोर्ट में बताया- नारकोटिक्स सिंडिकेट से मिलता है पैसा

खालिस्तान समर्थक (साभार: Newschecker)

पंजाब में आतंक और रक्तपात के लिए पाकिस्तान सहित छह अलग-अलग देशों में काम करने वाले नौ संगठन लगे हुए हैं। इनमें से पाकिस्तान से जुड़े संगठन रंजीत सिंह नीता की खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF), वाधवा सिंह बब्बर की बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और परमजीत सिंह पंजवार की खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) शामिल हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स ने पुलिस और खुफिया अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का हरदीप सिंगर निज्जर लंदन में रहता है, जबकि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का गुरजीत सिंह चीमा कनाडा में रहता है। वहीं, KZF के गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा और भूपिंदर सिंह भिंड जर्मनी में रहते हैं।

कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किए गए एक आकलन के अनुसार अन्य प्रमुख सहयोगी भी हैं। इनमें गुरशरणवीर सिंह यूके में रहता है, गुरजिंदर सिंह इटली में और पुरुषोत्तम सिंह फ्रांस में रहता है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नामक सबसे कुख्यात संगठनों में से एक के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में हैं और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करता है।

सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इंडो-कैनेडियन नारकोटिक्स सिंडिकेट द्वारा निभाई जाती है, जिसे ‘ब्रदर्स कीपर्स’ गिरोह के रूप में जाना जाता है। इसमें ग्रेवाल और मनिंदर धालीवाल के गिरोह शामिल हैं। सरकारी एजेंसियों द्वारा बनाए गए डोजियर के अनुसार, ये गिरोह वे कोलंबियाई कोकीन को मेक्सिको के माफियाओं तक भेजने का काम करते हैं। इतना ही नहीं, ये लोग SJF प्रमुख पन्नू को धन भी उपलब्ध कराते हैं।

आतंकवाद विरोधी अभियानों के प्रभारी पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “पंजाब में खालिस्तान भावनाओं को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को इन समूहों द्वारा गुप्त रूप से सहायता दी जा रही है। ये भारतीय उच्चायोग में बर्बरता की घटनाओं की एक श्रृंखला से स्पष्ट है।” कनाडा के ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांतों में सिख आबादी केंद्रित है। इनमें पंजाबी जड़ों वाले आपराधिक गिरोहों की संख्या में लगातार वृद्धि देख रही है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, “पंजाब से कनाडा जाने वाले लोगों के साथ-साथ हत्या, हत्या के प्रयास और UAPA के मामलों वाले गैंगस्टरों के के भी कनाडा जाने की संख्या बढ़ रही है। जैसे कि लखबीर सिंह लांडा, गोल्डी बराड़, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला सहित कई अन्य गैंगस्टर भी शामिल हैं।।”

अधिकारियों ने यह भी उल्लेख किया है, ‘डायस्पोरा के बीच खालिस्तान मुद्दा गुरुद्वारों में एक विभाजनकारी मुद्दा रहा है। खालिस्तानियों के नेतृत्व वाले गुरुद्वारे आंदोलन को समर्थन देने वाली गतिविधियों में पैसा लगाते हैं।” ऐसे संगठनों को मजबूत और समर्थन देने के लिए भारत के नागरिक समाज संगठनों के माध्यम से भी दान दिया जा रहा है।

सिख खालिस्तान नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर चल रहे ड्रामे बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। एजेेंसियों ने उसे भगोड़ा घोषित किया गया है और उसकी तलाश कर रही हैं। यह बता भी सामने आई है कि जिस बाइक से कुछ दूरी तक अमृतपाल भागा था, उसे बरामद कर लिया गया है। इसके साथ ही उसे भागने में मदद करने वाले चार लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। उन पर आर्म्स ऐक्ट का मुकदमा दायर किया गया है।

उधर, पुलिस ने बुधवार (22 मार्च 2023) को दोपहर लगभग 12 बजे अमृतपाल की माँ से अमृतसर के जल्लूपुर स्थित खेड़ा गाँव में लगभग एक घंटे तक पूछताछ की। हालाँकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि पूछताछ किस मामले को लेकर की गई है। अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर को पहले ही हिरासत में ले लिया गया है।

पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए लोगों से सहयोग माँगा है। पुलिस ने अमृतपाल का विभिन्न पोशाकों में तस्वीरें भी जारी की हैं। पंजाब के IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल जिस ब्रेजा कार से भागा था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। साथी ही अमृतपाल के ISI लिंक की भी जाँच पुलिस ने शुरू कर दी है।

IGP गिल के अनुसार, भागने के दौरान वह गुरुद्वारा नांगल अंबियन गया, जहाँ उसने अपने कपड़े बदल लिए। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब 154 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया है या फिर गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही लगभग 12 हथियार जब्त किए गए हैं, जिनमें राइफल और पिस्टल भी शामिल हैं।

भास्कर के अनुसार, अमृपताल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर विदेश में रहती है और वह बब्बर खालसा की सक्रिय सदस्य है। वह बब्बर खालसा के लिए फंड जुटाती है। साल 2020 में किरणदीप और 5 अन्य लोगों को बब्बर खालसा के लिए पैसे जुटाने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। वह ब्रिटेन से खालिस्तान मूवमेंट के लिए फंडिंग कर रही थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया