लखबीर सिंह हत्या मामले में 21 दलित संगठन पहुँचे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, लगाई न्याय की गुहार

लखबीर सिंह हत्या मामले में 21 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का खटखटाया दरवाजा (फाइल फोटो)

दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर स्थित सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के नजदीक दलित व्यक्ति लखबीर सिंह की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में देश भर के करीब 21 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने आयोग से हत्या की व्यापक जाँच करने का आग्रह किया है। हालाँकि, सिख धार्मिक निकायों ने इस मुद्दे को दलित बनाम सिख होने से इनकार किया है, क्योंकि निहंग समूह में दलितों की एक बड़ी संख्या है।

पत्रों में मामले की समयबद्ध जाँच और बर्बरता में शामिल सभी लोगों के लिए सजा की माँग की गई है। आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि सिखों के बीच बेअदबी एक गंभीर अपराध है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। सांपला ने कहा, “हमने पहले ही डीजीपी हरियाणा और मुख्य सचिव को इस पर सख्त कार्रवाई करने के लिए नोटिस भेजा है और फैक्स के माध्यम से वापसी की रिपोर्ट माँगी है।”

उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर आरोपितों ने उसे फाँसी दी, वह किसानों के मंच के पास है। वहाँ जो भी घटना होती है उसके लिए वे (किसान) ही जिम्मेदार होते हैं। उनकी भूमिका अपराधियों की तरह ही है। सांपला ने कहा कि किसान नेताओं ने पूरी घटना से पल्ला झाड़ दिया है। अगर वे (आरोपित) 10 महीने से उनके साथ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके साथ रह रहे हैं, तो वे उसी विरोध का हिस्सा हैं।

यूपी, दिल्ली और पंजाब के कई संगठनों ने आयोग से संपर्क किया है। अनुसूचित जाति संगठनों में भारतीय बौद्ध संघ, राष्ट्रीय भंटू सांसी समाज विकास संघ, श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ (दिल्ली प्रांत), जय बाबा राम पीर जन्मोत्सव समिति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति गठबंधन, दिल्ली प्रांत रायगर पंचायत, वाल्मीकि महापंचायत, श्री संत कबीर जन्मोत्सव समिति, अखिल भारतीय बैरवा विकास संघ, एससी / एसटी / ओबीसी और अल्पसंख्यक कर्मचारी कल्याण संघ और जंगपुरा भोगल एससी / एसटी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और अन्य शामिल थे।

अकाल तख्त के प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने लखबीर सिंह की हत्या को कानून के शासन की विफलता करार दिया है और जाँच की माँग की है जो घटना के सभी पहलुओं को सामने लाए। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं था जिसमें न्याय प्रणाली आरोपितों को उचित सजा दे सके जो सिखों की आहत भावनाओं को कुछ दिलासा दे। एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होती अगर केंद्र किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए गंभीर होता।

बता दें कि किसान आंदोलन के मंच के पास से दलित शख्स लखबीर सिंह का शव बरामद किया गया था। मृतक पंजाब के तरन-तारन जिले का रहने वाला था। उसकी तीन बेटियाँ भी हैं, जोकि अपनी माँ के साथ रहती हैं। इस मामले के तीन आरोपित निहंगों नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को रविवार (17 अक्टूबर 2021) को सोनीपत कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने जज के सामने लखबीर की हत्या की बात कबूली। हालाँकि उनके वकील ने इससे इनकार किया है। इस मामले का चौथा आरोपित सरबजीत सिंह पहले ही 7 दिन की रिमांड में भेजा जा चुका है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया