मारे गए बांग्लादेशी सांसद अनवरुल का TMC नेताओं और तृणमूल से जुड़ी हिरोइनों के साथ कनेक्शन: जानें कैसे खड़ा किया उसने काला कारोबार

अनवरुल अजीम अनार (फोटो साभार : फेसबुक प्रोफाइल)

कोलकाता में जिस बांग्लादेशी सांसद अनवरुल अजीम अनार की हत्या हुई, वो गुनाह की दुनिया का बड़ा खिलाड़ी था। सोने और ड्रग्स की स्मगलिंग से उसने अकूत दौलत बनाई थी और धीरे-धीरे वो अपनी ताकत और पहुँच के दम पर सफेदपोश बन गया। कभी इंटरपोल के लिए वॉन्टेड रहे अनवरुल अजीम अनार का भारत अक्सर आना-जाना था। कभी इलाज के नाम पर, तो कभी दोस्त के नाम पर। लेकिन मई 2024 का उसका दौरा आखिरी साबित हुआ। उसे हनी ट्रैप में फाँसकर मौत के घाट उतार दिया गया। अब पता चला है कि वो बांग्लादेश और भारत के बीच होने वाले अवैध हथियारों, सोने की तस्करी और ड्रग्स के व्यापार का बादशाह था। यही नहीं, वो पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के बड़े नेताओं का भी खास था। उसके लिए बांग्ला फिल्म उद्योग की अभिनेत्रियों के साथ भी था, खासकर टीएमसी से जुड़ी अभिनेत्रियों के साथ।

अनवरुल अजीम अनार की टीएमसी नेताओं से नजदीकी

कभी जातीय पार्टी के साथ रहा अनवरुल अजीम अनार साल 1996 तक खालिदा जिया की कट्टरपंथी पार्टी, जिसके अलकायदा से भी संबंध बताए जाते हैं-बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के साथ रहा। इसके बाद वो मौजूदा पार्टी आवामी लीग में शामिल हो गया। चूँकि उसे राजनीतिक संरक्षण भी चाहिए था, साथ ही उसे स्थानीय स्तर पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भी पकड़ कर रखना था, ऐसे में पूरी तरह से वो राजनीति में आ गया। अब तक तीन बार सांसद रहा अनवरुल हक पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के बेहद करीब था। वो टीएमसी नेताओं की काली कमाई को ठिकाने भी लगाया था, खासकर घोटालों से जमा किए गए पैसों को।

ममला बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी ने जब से पश्चिम बंगाल की सत्ता संभाली है, पश्चिनम बंगाल अपराधियों, आतंकवादियों, स्कैमर्स, हत्यारों, स्मगलर्स, मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों और भ्रष्ट लोगों की शरणस्थली बनकर उभरा है, खासकर राजधानी कोलकाता।

अनवरुल अजीम के पश्चिम बंगाल में राजनीतिक कनेक्शनों पर एक बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि अनवरुल अजीम अनार टीएमसी की महिलाओं नेताओं से काफी अच्छे संपर्क में रहा। उसमें से भी कुछ नेता कोलकाता फिल्म इंडस्ट्री की हीरोइनें हैं। कोलकाता फिल्म इंडस्ट्री की पूर्व एक्ट्रेस मुनमुन सेन तो दाऊद इब्राहीम तक से संपर्क में रही हैं, उसके खास गुर्गे अजीज मोहम्मद भाई के जरिए। अजीज मोहम्मद भाई काफी सालों से बांग्लादेश में भी भगोड़ा है और कुछ समय पहले ही ढाका की एक कोर्ट ने उसे बांग्लादेशी एक्टर सलमान शाह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

अधिकारी ने ये भी कहा कि बांल्गादेशी सांसद अनवरुल अजीज अनार टीएमसी के नेताओं के साथ व्यापारिक सहयोगी भी था। उसके पास एसएससी स्कैम से जुड़ी बड़ी धनराशि भेजी गई थी, जो उसने व्यापार में निवेश किया। अनार एसएससी स्कैम के मुख्य अभियुक्त पार्था चटर्जी से भी जुड़ा था, उसके भतीजे प्रसन्ना कुमार रॉय के दोस्त शिपन कुमार बसु के जरिए। शिपन बसु बांग्लादेश पुलिस की नजर में भगोड़ा और वो 2 दशकों से पश्चिम बंगाल में रह रहा है। शिपन बसु अपने शुरुआती दिनों में बांग्लादेश में सक्रिय रहे माओवासी-नक्सलवादी ग्रुप ‘पुर्बो बांग्ला कम्युनिष्ट पार्टी’ से जुड़ा रहा है।

अपने वामपंथी नक्सलवादी दिनों में शिपन कुमार बोस कई आपराधिक गतिविधियों जैसे डकैती, रेप, वसूली और हत्याओं के मामलों में शामिल रहा था। बाद में बसु अनवरुल अजीम के ट्रांसबॉर्डर स्मगलिंग रैकेट में शामिल हो गया। इसी रैकेट के दम पर वो भारत से बांग्लादेश के बीच सोने, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी का रैकेट चलाता था। चूँकि अनवरुल बांग्लादेश में सम्मानित व्यक्ति बन गया था और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेताओं से उसके अच्छे लिंक थे, ऐसे में इस स्मगलिंग गिरोह ने अकूत कमाई की।

अनवरुल अजीम अनार की क्राइम कुंडली

ढाका ट्रिबून की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, अनवरुल अजीम पुराना पापी रहा है। वो आतंकी गुटों की सहायता करता था, खासकर बांग्लादेश के दक्षिणी-पश्चिमी इलाके में, ये इलाके भारत के पश्चिम बंगाल से सटे हैं। उस पर बांग्लादेश पुलिस और अन्य एजेंसियों ने आतंकियों और अतिवादियों के ‘गॉडफादर’ का ठप्पा लगाया था। कभी 9 केस उसके ऊपर दर्ज थे, जिसमें हथियारों की तस्करी, विस्फोटों में हाथ, ड्रग्स की तस्करी, वसूली और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं।

साल 2008 में उसके खिलाफ इंटरपोल ने भी नोटिस जारी किया था। बताया जा रहा है कि वो साल 1986 से ड्रग्स की तस्करी वाले रैकेट में घुसा था, जब बांग्लादेश में सैन्य शासक हुसैन मुहम्मद इरशाद की इस्लामिक ‘जातीय पार्टी’ का शासन था। वो तब भारत के बगडा बोर्डर से होकर बांग्लादेश के बघडंगा बॉर्डर तक का स्मगलिंग रूट संभालता था। उसके लोग पुलिस थानों को महीने का चढ़ावा चढ़ाते थे। उस समय वो ‘ड्रग किंग’ के तौर पर जाना जाता था।

साल 1991 से वो झेनैदाह के पारितोष टैगोर नाम के स्मगलर के साथ मिलकर सोने की तस्करी करने लगा। और फिर आगे चलकर वो कालीगंज निगम के कमिश्नर के साथ मिलकर हथियारों की तस्करी भी करने लगा। उसके द्वारा तस्करी किए गए हथियार बांग्लादेश के जिहादी गुटों तक पहुँचते थे। उन आतंकियों को वो भारत तक पहुँचने का सुरक्षित रास्ता भी देता था। खास बात ये है कि वो बांग्लादेश में टॉप आतंकवादी ठहराए जा चुके प्रकाश कुमार बिश्वास के साथ भी काम कर रहा है, जो साल 2013 से पश्चिम बंगाल में छिपा बताया जा रहा है।

काली कमाई ही बनी मौत की वजह

बता दें कि बांग्लादेशी सांसद की निर्मम हत्या के इस पूरे केस में अब तक कई खुलासे हो चुके हैं। पुलिस ने भले आधिकारिक बयान नहीं दिया लेकिन मीडिया में खबरें आ रही हैं कि सांसद अनवारुल अजीम अनार और संदिग्ध अख्तरुज्जमान मिलकर सोने की तस्करी का काम करते थे, मगर पैसों को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और अख्तारुज्जमान ने पूरी हत्या की साजिश रची।

इस हत्या को अंजाम देने का काम मुंबई के कसाई को मिला था। कसाई का नाम जिहाद हवलदार है। उसे भी कोलकाता पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोप है कि उसने अन्य साथियों के साथ मिलकर सांसद की हत्या फ्लैट में की। इसके बाद उनकी पहचान मिटाने के लिए शव से खाल उतारी और शव से मांस छोटे-छोटे टुकड़ों में काट उसे कीमा जैसा बनाया, फिर उसमें हल्दी मिलाई ताकि वो बदबू न करे। इसके बाद उसे अलग-अलग पैकेट में भरा गया। बाद में सारे पैकेट कोलकाता की अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए गए। कुछ अंगों को फ्रिंज में भी रखा गया।

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Salah Uddin Shoaib Choudhury: Salah Uddin Shoaib Choudhury is an internationally acclaimed multi-award-winning anti-militancy journalist, writer, research scholar, and counterterrorism specialist. He regularly writes for local and international newspapers.