कौन हैं सीबीआई के नए डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल, रॉ से लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर पद पर कर चुके काम, जानिए उनका सफर

सुबोध कुमार जायसवाल बने सीबीआई के नए प्रमुख (तस्वीर साभार: TOI)

सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। 1985 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सुबोध दो साल के लिए सीबीआई प्रमुख के पद पर रहेंगे। वह इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पद संभाल चुके हैं। सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किए जाने के पहले तक वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसफ) के महानिदेशक का पद संभाल रहे थे।

सीबीआई प्रमुख का पद 2 फरवरी, 2021 को ऋषि कुमार शुक्ला के इस पद से रिटायर होने के बाद से खाली था। नए डायरेक्टर की नियुक्ति तक प्रवीण सिन्हा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय पैनल ने 109 नामों में से सीआईएसफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा और केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव वी.एस कौमुदी के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे। इस पैनल में पीएम मोदी के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना भी शामिल थे।

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सुबोध कुमार जायसवाल महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्ति से पहले तक वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक थे, जोकि गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) का एक हिस्सा है। सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म 1962 में धनबाद में हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई झारखंड के डी नोबिली (De Nobil) स्कूल की सीएमआरआई शाखा से की हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई के नए डायरेक्टर ने एमबीए भी किया है।

सीआईएसएफ का नेतृत्व करने से पहले, सुबोध कुमार जायसवाल मुंबई पुलिस में शीर्ष पद संभाल चुके थे। वह 2018 में मुंबई पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए गए थे। मुंबई पुलिस सीपी के रूप में नियुक्त होने से पहले, जायसवाल महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) का हिस्सा थे। एटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान, जायसवाल उस विशेष जाँच दल (SIT) के प्रमुख थे, जिसने 20,000 करोड़ रुपए के नकली स्टांप पेपर घोटाले (तेलगी घोटाला) की जाँच की थी और घोटाले में कुछ शीर्ष अधिकारियों और आरोपियों के बीच संबंधों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

एटीएस के उप महानिरीक्षक (DIG) के रूप में उन्होंने सितंबर 2006 के मालेगाँव ब्लास्ट मामले की जाँच की थी। इसी दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में सेवा करते हुए एक महत्वपूर्ण पद संभाला। उन्हें उनकी विशिष्ट सेवा के लिए 2009 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

मुंबई पुलिस कमिश्नर का पद संभालने के बाद सुबोध जायसवाल महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किए गए थे। डीजीपी के रूप में जायसवाल का कार्यकाल 2022 में समाप्त होने वाला था, लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने उन्हें सीआईएसएफ प्रमुख के पद पर नियुक्त करने का फैसला किया।

जायसवाल नौ साल तक भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में भी काम कर चुके हैं, जिसमें से तीन साल उन्होंने रॉ के अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया