6 सप्ताह के लिए सत्येंद्र जैन को जमानत, स्वास्थ्य बना आधार: सुप्रीम कोर्ट ने AAP नेता के दिल्ली से बाहर जाने और गवाहों से मिलने पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट और सत्येंद्र जैन (साभार: PTI/टीवी9)

मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में पिछले लगभग एक साल से जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी है। जैन के लगातार गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 मई 2023) को उन्हें 6 सप्ताह की अंतरिम बेल दे दी। हालाँकि, उन्हें दिल्ली से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है।

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा वाली सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने 6 सप्ताह की यह अंतरिम जमानत सत्येंद्र जैन को दिल्ली के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज कराने के लिए दिया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने जैन के लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। अंतरिम जमानत अवधि में उन्हें इसका पालन करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि इस अवधि में सत्येंद्र जैन किसी भी मुद्दे पर मीडिया में बयान नहीं देंगे और ना ही किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। बेंच ने जैन को जमानत देने की प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विरोध को नजरअंदाज कर दिया। ED ने कोर्ट से कहा कि जैन के स्वास्थ्य का दिल्ली एम्स द्वारा स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

सत्येंद्र जैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में मेडिकल आधार पर सत्येंद्र जैन की जमानत की माँग की थी। वहीं, ED की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जैन के स्वास्थ्य का मूल्याँकन दिल्ली एम्स या राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किया जाना चाहिए।

राजू ने कोर्ट में दलील दी कि सत्येंद्र जैन के स्वास्थ्य को लेकर दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और ये अस्पताल उनके अधीन रहे हैं। ऐसे में ये मेडिकल सर्टिफिकेट फर्जी हो सकते हैं।

इस पर बेंच ने कहा कि ASG राजू को मेडिकल रिकॉर्ड पर विश्वास क्यों नहीं है। इसका जवाब देते हुए ASG राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन का पहले का कारनामा संदेह उत्पन्न करता है। इससे पहले जैन ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत माँगी थी, तब ED ने AIIMS के डॉक्टरों से जाँच कराने की माँग की थी। इसके बाद सत्येंद्र जैन ने अपनी अर्जी वापस ले ली थी।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल तिहाड़ जेल के लिए अनिवार्य रेफरल अस्पताल है। उन्होंने कोर्ट में तर्क दिया कि सत्येंद्र जैन को मॉस्क्यूलर एट्रॉफी, जिसमें मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, हो गई है और उनका वजन 35 किलोग्राम तब घट चुका है। इस दलील को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत की याचिका स्वीकार कर ली।

बता दें कि साल 2017 में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने सत्येंद्र जैन एवं अन्य पर 2010-2012 के दौरान 11.78 करोड़ रुपए और 2015-16 के दौरान 4.63 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। साल 2015-16 में ही वे दिल्ली सरकार में मंत्री बने थे। CBI ने अपने आरोप में कहा है कि प्रयास इंफोसल्यूशन, इंडो मेटालिम्पेक्स, अकिंचन डेवलपर्स और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से सत्येंद्र जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग की थी।

सत्येंद्र जैन ने इस शेल कंपनियों के माध्यम से कोलकाता स्थित कुछ विभिन्न शेल कंपनियों के एंट्री ऑपरेटरों को पैसे दिए थे। इसके बाद एंट्री ऑपरेटरों ने जैन से जुड़ी कंपनियों में शेयरों के माध्यम से ‘शेल कंपनियों के माध्यम से लेयरिंग’ करने के बाद निवेश के रूप में पैसे को कथित तौर पर फिर से भेज दिया था। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद बाद में ED ने मामला दर्ज किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया