सुप्रीम कोर्ट ने Aarey मामले पर लिया स्वतः संज्ञान, मुंबई मेट्रो ने कहा- ‘हमने 24000 पेड़ लगाए’

सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी

आरे क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई के लिए तारीख मुक़र्रर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए सोमवार (अक्टूबर 7, 2019) की तारीख तय की है। कुछ छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को इस सम्बन्ध में पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की माँग की थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। जबकि हाईकोर्ट ने कथित पर्यावरण एक्टिविस्ट्स को झटका देते हुए मेट्रो प्रोजेक्ट को रोकने से इनकार कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट की एक स्पेशल बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

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बता दें कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मुंबई के आरे क्षेत्र में कुछ पेड़ों को काटा जा रहा है। कई एक्टिविस्ट्स और बॉलीवुड सेलेब्स इसके विरोध में आ गए हैं। भाजपा की सहयोगी शिवसेना भी इस मामले में सरकार का विरोध कर रही है। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को विरोध प्रदर्शन करते हुए हिरासत में भी लिया गया था। मुंबई मेट्रो की प्रमुख अश्विनी भिड़े ने कहा है कि यह क़दम अनिवार्य था, इसे टाला नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी नए जीवन के फलने-फूलने के लिए और नए निर्माण के लिए तबाही अनिवार्य हो जाती है।

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मुंबई मेट्रो ने बताया है कि उसने आरे मिल्क कॉलोनी से लेकर संजय गाँधी नेशनल पार्क तक, 24000 से भी अधिक पेड़ लगाए हैं। एक वीडियो के माध्यम से मुंबई मेट्रो ने समझाया कि वह किस तरह मुंबई के वन्य जीवन और हरियाली के प्रसार में अपना योगदान दे रहा है। आरे पर विरोध प्रदर्शन कर रहे 29 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस क्षेत्र को आधिकारिक रूप से जंगल घोषित करने से मना कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले एक्टिविस्ट्स ने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आँखें खोलने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मॉल बनाने और कई अन्य चीजों के लिए भी महाराष्ट्र सरकार जंगलों को काटने की योजना बना रही है। उन लोगों ने शिवसेना से कहा कि अगर आदित्य ठाकरे आरे जंगल को लेकर इतने ही सजग हैं तो भाजपा से गठबंधन तोड़ें।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया