संदेशखाली पर ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, CBI जाँच के खिलाफ डाली थी याचिका: हाईकोर्ट ने कहा था – बंगाल पुलिस ने शाहजहाँ शेख को बचाया

संदेशखाली पर ममता बनर्जी की सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका

सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल सरकार को झटका लगा है। मामला संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण से जुड़ा है। इस मामले में सत्ताधारी TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) के नेता शाहजहाँ शेख को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसे बचाने के लिए राज्य की व्यवस्था ने दिन-रात एक कर दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले को CBI को सौंपने का आदेश दिया था। TMC सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई, लेकिन वहाँ भी उसे निराशा हाथ लगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है, इसके खिलाफ फैसले देने से मना कर दिया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उच्च न्यायालय द्वारा टिप्पणी को हटाने के निवेदन पर सहमति जताई। जस्टिस BR गवई और संदीप मेहता ने इस स्पेशल लीव पेटिशन पर सुनवाई की। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुख्य अभियुक्त शाहजहाँ शेख को भी CBI की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने शाहजहाँ शेख के राजनीतिक प्रभाव को लेकर टिप्पणी की थी।

हाईकोर्ट ने न सिर्फ पश्चिम बंगाल पुलिस को पक्षपाती बताया था बल्कि ये भी कहा था कि जाँच में देरी के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है ताकि मुख्य अभियुक्त को बचाया जा सके। उस समय शाहजहाँ शेख 50 दिनों से फरार था। सुप्रीम कोर्ट में हुई ताज़ा सुनवाई में TMC सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और जयदीप दत्ता ने जिरह की। वहीं के वकील ने बताया कि बंगाल पुलिस ने शाहजहाँ शेख को गिरफ़्तारी से बचने और भगाने में मदद की।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणी में तथ्य हैं, लेकिन विवाद को खत्म करने के लिए उसे डिलीट किया जा सकता है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि टिप्पणी हटाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आदेश से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। शाहजहाँ शेख नॉर्थ 24 परगना में जिला परिषद का कर्माध्यक्ष भी है। उसके खिलाफ संदेशखाली में 42 से भी अधिक मामले दर्ज हैं। पूरे देश में संदेशखाली के महिलाओं की पीड़ा पर चर्चा हुई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया