‘मणिपुर वाला मामला अलग है’: सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी संदेशखाली यौन शोषण की जाँच CBI से कराने की माँग, NCW अध्यक्ष को पकड़ कर रोने लगीं

संदेशखाली में पहुँचीं NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया जाँच का आदेश

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में TMC नेता शाहजहाँ शेख के आतंक का हाल ही में पर्दाफाश हुआ, जब एक के बाद एक कई महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से सामने आकर ये आरोप लगाया कि उसके गुर्गे लड़कियों को उठा कर ले जाते हैं और उनका बलात्कार करते हैं। इसके बाद ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ (NCW) की टीम भी वहाँ जाँच करने पहुँची। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जाँच CBI/SIT से कराने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 फरवरी, 2024) को इस याचिका को लौटा दिया। हालाँकि, जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि वो इसके लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करें। कलकत्ता हाईकोर्ट पहले ही संदेशखाली मामले पर स्वतः संज्ञान ले चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के पास भी अधिकार है कि वो SIT का गठन कर सके, एक ही मामले पर 2 मंचों पर सुनवाई करना ठीक नहीं होगा।

13 फरवरी को ही हाईकोर्ट ने अख़बारों की खबरों के आधार पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। वहीं मौजूदा याचिका अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस भी पश्चिम बंगाल सरकार से मिली हुई है और TMC नेता शाहजहाँ शेख से मिलीभगत के कारण अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरत रही है। उन्होंने बताया कि अधिकतर पीड़िताएँ SC/ST समाज से हैं। मणिपुर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की याद दिलाए जाने पर जजों ने कहा कि वो एक अलग मुद्दा है, वो अब भी चल रहा है।

उधर NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इलाके में पहुँच कर पीड़ित महिलाओं को ढाँढस बँधाया। उन्होंने कहा कि बहुतों के साथ यौन शोषण हुआ है, 2 रेप केस के बारे में उन्होंने खुद अपने सामने सुना है। उन्होंने बताया कि महिलाएँ पुलिस और समाज के कारण डरी हुई हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पकड़ कर महिलाएँ रो रही थीं, उन्हें छोड़ नहीं रही थीं। कई जवान लड़कियों को वहाँ से बाहर भेज दिया गया है, इस डर से कि कहीं कुछ हो न जाए। कई पीड़िताओं को लेके रेखा शर्मा थाने में पहुँचीं और लिखित में शिकायत दर्ज करवाई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया