सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर त्वरित सुनवाई से किया इनकार, CJI बोले – ईमेल भेजो: हफ्ते में 5 बार लीगल टीम से बैठक की माँग भी रद्द

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से झटका

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायपालिका से एक बार फिर से झटका मिला है। शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की माँग को ED-CBI मामलों की स्पेशल जज कावेरी बावेजा की अदालत ने खारिज कर दिया। असल में अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि उन्हें सप्ताह में 5 बार उनकी लीगल टीम से मिलने का मौका दिया जाए। फ़िलहाल वो हफ्ते में 2 बार ऐसा कर सकते हैं। लेकिन, कोर्ट ने उनकी इस माँग को सिरे से अस्वीकार कर दिया है।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस बात को लेकर अदालत को संतुष्ट करने में नाकाम रहा कि वो सप्ताह में 2 बार अपनी लीगल टीम के साथ बैठक का इस्तेमाल सिर्फ सुनवाइयों के संबंध में चर्चा करने के लिए कर रहा है। जाँच एजेंसियों द्वारा दी गई रिपोर्ट्स से पता चला है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने एक वकील के माध्यम से दिल्ली के जल मंत्रालय के लिए कुछ निर्देश भेजवाए, जिनके आधार पर सरकार ने कुछ फैसले लिए। हालाँकि, उस वकील का नाम नहीं खोला गया है।

ये सब लीगल मीटिंग की आड़ में किया गया। जज कावेरी बावेजा ने माना कि अरविंद केजरीवाल ने सप्ताह में लीगल टीम के साथ 2 बार बैठक का इस्तेमाल सुनवाइयों को लेकर चर्चा की बजाए अन्य चीजों के लिए किया। अरविंद केजरीवाल ने 30-35 मामले लंबित होने की बात करते हुए कहा था कि उन्हें सप्ताह में 5 बार अपनी लीगल टीम से मिलना है, हालाँकि, कोर्ट ने ये नहीं माना कि 2 बैठकें अपर्याप्त हैं। कोर्ट ने उनकी इस माँग को सनक भरा भी करार दिया।

कोर्ट ने कहा कि अगर वो इस माँग को मान लेता है तो जेल में बंद अन्य कैदी जिनके ज्यादा मामले लंबित हैं वो हफ्ते में 5 दिन से भी ज्यादा बार अपनी लीगल टीम के साथ बैठक की माँग करने लगेंगे। जज कावेरी बावेजा ने अमानतुल्लाह खान के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि कोई जनप्रतिनिधि कानून से ऊपर नहीं है। बताते चलें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी ED द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी को अवैध ठहराने से इनकार कर दिया, जिसके खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए।

मुख्य न्यायधीश DY चंद्रचूड़ के सामने बुधवार (10 अप्रैल, 2024) को ये मामला लाया गया। कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बतौर अधिवक्ता पेश होते हुए कहा कि अविश्वसनीय दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली CM को गिरफ्तार किया गया है। हालाँकि, CJI ने अर्जेन्ट सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आप हमें ईमेल भेजिए, हम इसे देखेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि एक मुख्यमंत्री के लिए अलग से नियम नहीं हो सकता, अरविंद केजरीवाल शराब नीति बनाने में हिस्सेदार थे, उन्होंने घूस माँगा और अपराध से हुई आय का इस्तेमाल भी किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया