‘व्हीलचेयर, पैर कटा, किडनी ट्रांसप्लांट…’: सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल नसीर मदनी को गृहनगर में रहने की दी इजाजत, धमाकों का है आरोपित

अब्दुल नसीर मदनी को गृहनगर में रहने की सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत (फोटो साभार: TOI, IndiaTv)

अब्दुल नसीर मदनी अब केरल स्थित अपने गृह नगर में भी रह सकता है। जमानत की शर्तों में ढील देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है। मदनी कोयंबटूर और बेंगलुरु बम धमाकों का मुख्य आरोपित है। इससे पहले उसे जिन शर्तों पर जमानत दी गई थी उनमें से एक यह भी था कि सुनवाई खत्म होने तक उसे बेंगलुरु में रहना होगा।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने सोमवार (17 जुलाई, 2023) को मदनी की जमानत शर्तों में ढील प्रदान की। मदनी की पैरवी पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने की। उन्होंने कहा कि ट्रायल खत्म होने के बाद मदनी के बेंगलुरु में ही रहने का कोई कारण नहीं है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सिब्बल ने अपनी दलील में कहा, “वह (मदनी) व्हीलचेयर पर है। उसका पैर कट चुका है। किडनी ट्रांसप्लांट होना है। उसकी अम्मी की मौत हो चुकी है। पिता बीमार हैं। ट्रायल पूरा होने के बाद अब बहस चल रही है। मामले में कई आरोपित हैं और वे खुद कह चुके हैं दलीलें देने में दो साल लग जाएँगें।”

इस पर कोर्ट ने कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि गवाहों की जाँच पूरी हो चुकी है। संबंधित अदालत में मामले पर बहस चल रही है। बहस पूरी होने में समय लग सकता है। साथ ही सुनवाई के दौरान मदनी का उपस्थित होना जरूरी भी नहीं है। इसलिए यह अदालत 11 जुलाई 2014 को दिए गए आदेश में संशोधन करते हुए मदनी को केरल में अपने गृहनगर जाने और वहाँ रहने की अनुमति देती है।” साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है, “यह जानने के लिए कि मदनी अन्य सभी शर्तों का पालन कर रहा है या नहीं, उसे 15 दिनों में एक बार कोल्लम जिले के नज़दीकी पुलिस स्टेशन में पेश होना होगा। यदि अपने इलाज के लिए वह कोल्लम जिले के अलावा कहीं और जाता है तो उसे इस बारे में भी पुलिस को सूचना देनी होगी।”

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को मदनी को जमानत शर्तों में ढील देते हुए 17 जुलाई से 8 जुलाई तक केरल जाने की अनुमति दी थी। मदनी ने कोर्ट से केरल जाकर अपने माता-पिता से मिलने की अनुमति माँगी थी। केरल में मुस्लिम समुदाय ने उसका जबरदस्त स्वागत किया था। इतना ही नहीं, एक हीरो की तरह उसके वहाँ पहुँचने का मीडिया द्वारा लाइव टेलीकास्ट भी किया गया था।

ज्ञात हो कि 1998 में हुए कोयंबटूर बम ब्लास्ट केस और साल 2008 के बंगलुरु में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 58 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दरअसल, साल 2009 में बांग्लादेश सीमा से लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में दोनों ने बेंगलुरु विस्फोट सहित कई बम धमाकों की जानकारी दी थी। इसके बाद कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में धमाकों से मदनी के तार भी जुड़े होने का पता चलने पर कर्नाटक पुलिस ने उसे अगस्त 2010 में गिरफ्तार कर लिया था।

मदनी केरल के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) का अध्यक्ष है। मदनी ने 1989 में पीडीपी के अलावा इस्लामिक सेवा संघ की स्थापना की थी। इस्लामी सेवा संघ को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए साल 1992 में बैन कर दिया गया था। मदनी पर बाबरी विध्वंस के बाद समाज में नफरत फैलाने और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया