विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग के वीजा की अवधि को बढ़ाने से इनकार करने पर अपने अधिकारियों से रिपोर्ट माँगी है। फ्रेडरिक का वीजा अगले महीने की 25 तारीख को समाप्त होने वाला है। 61 वर्षीय फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग जर्मनी की रहने वाली है और वो पिछले 42 वर्षों से भारत में रहकर गौसेवा कर रही हैं। इन्हें सुदेवी दासी गोवर्धन के रुप में भी जाना जाता है। गौसेवा करने के लिए फ्रेडरिक को इसी साल 16 मार्च को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
दरअसल, फ्रेडरिक भारत में ही रहना चाहती है और गौसेवा करना चाहती है। इसलिए उन्होंने वीजा बढ़ाने का आवेदन किया था, लेकिन विदेश मंत्रालय के लखनऊ ऑफिस में बिना कोई कारण बताए उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है। जिसके बाद फ्रेडरिक एरीना ने कहा कि वो अपना पद्म श्री सम्मान वापस करना चाहती है। पुरस्कार लौटाने की बात पर एरिना का कहना है कि जब वो भारत में रहकर गायों की देखभाल नहीं कर सकती, तो फिर इसे रखने का क्या मतलब है? वो कहती हैं कि उन्हें पद्म श्री लौटाकर बहुत दुख होगा लेकिन अगर वीजा आवेदन को खारिज किया जाता रहा तो उनके पास इसे लौटाने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं है।
पाँच बीघा क्षेत्र में फैले सुरभि गौशाला का संचालन कर रही सुदेवी ने 1,500 से भी अधिक गायों को पाल रखा है, जिनकी वह लगातार देखभाल करती हैं। इन गायों में से अधिकतर बीमार, नेत्रहीन या अपाहिज हैं। इनमें से 52 गायें नेत्रहीन है जबकि 350 पैरों से अपाहिज है। उनके पैरों की नियमित मरहम-पट्टी की जाती है।