कोयंबटूर में तमिलनाडु प्रशासन द्वारा 7 मंदिरों के विध्वंस के खिलाफ हिंदू समूहों का विरोध प्रदर्शन तेज

तमिलनाडु के कोयंबटूर में 7 मंदिरों के विध्वंस के खिलाफ हिंदू समूह का विरोध प्रदर्शन तेज

कोयंबटूर नगर निगम द्वारा मुथन्ननकुलम के झील के किनारे पर सात हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के कुछ दिनों बाद कई भक्तों और हिंदू कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू मुन्नानी के हिंदू कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार (जुलाई 16, 2021) को कोयंबटूर के टाउन हॉल में निगम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नगर निकाय के विध्वंस अभियान की निंदा की।

मंगलवार (जुलाई 13, 2021) को कोयंबटूर नगर निगम ने शहर के मुथाननकुलम बाँध के किनारे 100 साल पुराने एक मंदिर समेत सात मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था। निगम ने दावा किया था कि तालाब के उत्तरी बाँध के साथ अतिक्रमित भूमि पर मंदिरों का निर्माण किया गया था।

विध्वंस की निंदा करते हुए, हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कदेश्वर सुब्रमण्यम ने कहा, “जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तो संसद में एक अधिनियम पारित किया गया था जिसमें 75 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों को ध्वस्त करने पर रोक लगाई गई थी। लेकिन कोयंबटूर निगम ने सदियों पुराने मंदिरों को ध्वस्त कर दिया। हम विध्वंस की कड़ी निंदा करते हैं।”

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हिंदू कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि तिरुपुर कलेक्टर कार्यालय सहित कई सरकारी कार्यालय मंदिर की भूमि पर हैं, इसलिए उन इमारतों को भूमि से हटा दिया जाना चाहिए।

सुब्रमण्यम ने कहा, “हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) मंत्री कह रहे हैं कि विभाग मंदिर की भूमि को पुनः स्वामित्व में लेगा और मंदिरों की रक्षा करेगा। उन्हें इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए।”

हिंदू मुन्नई के राज्य सचिव जेएस किशोरकुमार ने कोयंबटूर निगम पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर जानबूझकर मंदिरों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि शहर में 150 साल पुराने मंदिरों को तोड़ा गया। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी मंदिरों को गिराए जाने की निंदा की थी और कोयंबटूर के गाँधी पार्क में विरोध प्रदर्शन किया था।

कोयंबटूर में मंदिरों का विध्वंस अभियान

गौरतलब है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में निगम ने मंगलवार (जुलाई 13, 2021) को शहर के मुथन्ननकुलम तालाब के उत्तरी बाँध पर मौजूद 7 मंदिरों को विकास के नाम पर ध्वस्त कर दिया। प्रशासन ने कथिततौर पर यह फैसला स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत झील के कायाकल्प और विकास के लिए लिया।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निगम अधिकारियों ने अम्मान कोविल, बन्नारी अम्मान कोविल, अंगला परमेश्वरी, करुपरायण कोविल, मुनीस्वरन कोविल और कुछ अन्य मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए अर्थमूवर और भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया।

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प्रशासन ने इस कदम को उठाने से पहले साल 2020 में झील के आस-पास अतिक्रमण का हवाला देते हुए अपनी कार्रवाई की थी। उस समय करीब 2,400 परिवारों को वहाँ से हटाकर उनके घर ध्वस्त किए गए थे। इन सभी लोगों को स्लम क्लीयरेंस बोर्ड परियोजनाओं में वैकल्पिक आवास प्रदान किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया