15 दिन में मौत की सजा: सोते माँ-बाप के बीच से उठाकर 9 महीने की बच्ची का किया था रेप-मर्डर

9 महीने की बच्ची का बलात्कार करने वाले दोषी को अदालत ने 2 महीने के भीतर सुनाई मौत की सजा

तेलंगाना की एक अदालत ने वारंगल जिले में 9 महीने की बच्ची के साथ पहले बलात्कार और बाद में हत्या करने के आरोप में दोषी को 2 महीने के भीतर मौत की सजा मुकरर्र कर दी। पुलिस के मुताबिक मामले की सुनवाई 24 जुलाई को शुरू हुई थी और वारंगल के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के. जयकुमार ने 2 सप्ताह के अंदर ही मामले में फैसला सुना दिया।

मीडिया खबरों की मानें तो न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार (अगस्त 8, 2019) को अभियोजन और बचाव पक्ष की आखिरी दलीलें सुनने के बाद आरोपित पी प्रवीण को बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया। और बाद में उसे मौत की सजा सुना दी।

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जानकारी के अनुसार दोषी को आईपीसी की धारा 302 और धारा 376 के अलावा पॉक्सो अधिनियम के तहत मौत की सजा सुनाई गई है। साथ ही उस पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

पुलिस की मानें तो 19 जून की देर रात हनामकोंडा में बच्ची के माता-पिता ने घर की छत पर उसे अपने पास सुला रखा था, जब प्रवीन उसे उठाकर सुनसान जगह पर ले गया। उसने पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। घटना का पता उस समय चला जब बच्ची की माँ की नींद खुली और उसने मासूम को अपने करीब नहीं पाया। तलाश हुई तो प्रवीण बच्ची को तौलिए में लपेटकर ले जाते देखा गया। जैसे ही प्रवीण ने बच्ची के माँ-बाप को देखा वह उसे फेंक कर भागने लगा। लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। बच्ची के मिलने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।

मामले की जाँच के बाद पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया और बाद में न्याययिक हिरासत में भेज दिया। मामले की सुनवाई कोर्ट में 24 जुलाई को पहुँची और 6 कामकाजी दिनों के भीतर गवाहों से उनकी गवाही ली गई। और फिर, कोर्ट की ओर से सराहनीय फैसला आया।

बता दें कि वारंगल के पुलिस आयुक्त वी रविन्द्र ने अदालत द्वारा कम समय में दोषी को सुनाई गई सजा को उत्कृष्ट निर्णय बताया है। साथ ही कहा कि उन्होंने गवाहों की गवाहियों और वैज्ञानिक तथा चिकित्सीय साक्ष्यों के आधार पर मामले की जाँच की गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया