‘तिरंगा रैली में शामिल हुए, इसीलिए मारा’: आतंकी संगठन ने ली कश्मीरी पंडित की हत्या की जिम्मेदारी, नाम पूछ कर भून डाला था

आतंकी संगठन KFF ने ली सुनील भट्ट की हत्या की जिम्मेदारी (प्रतीकात्मक फोटो)

जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में आतंकियों ने मंगलवार (16 अगस्त, 2022) को सेब के एक बागान से आम नागरिकों पर गोलियाँ चलाई। इस गोलीबारी में एक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट्ट की मौत हो गई है। वहीं उनके भाई पिंटू कुमार भट्ट का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी संगठन केएफएफ (कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी संगठन का कहना है कि कश्मीरी पंडित भाई तिरंगा रैली में शामिल हुए। वे लोगों को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे, इसलिए उन पर हमला किया।

बताया जा रहा है कि आतंकियों ने सुनील पर हमला करने से पहले उनका नाम पूछा था और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया। वहीं, सुनील के पड़ोसी ने बताया कि वह अपने भाई पिंटू के साथ बाग में काम कर रहे थे। उसी दौरान आतंकी उनके पास पहुँचे और उनका नाम पूछा। फिर आतंकियों ने दोनों पर गोलियाँ चला दी। एक गोली पिंटू को भी लगी। लोगों का कहना है कि जिस तरह से हमला किया गया है, ऐसा लगता है कि कई दिनों से उनकी रेकी की जा रही थी। घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है। सुनील भट्ट् की चार बेटियाँ हैं, जिनका अपने पिता के लिए रो- रोकर बुरा हाल हो रहा है।

भाजपा नेता निर्मल सिंह ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, “आतंकियों ने एक बार फिर कायराना हरकत की है। सुनील कुमार अपना काम कर रहे थे फिर भी आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी, लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएँगे।”

कश्मीर जोन पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से आज इस घटना की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, शोपियाँ के चोटीपोरा में आतंकियों ने आज आम नागरिकों पर गोलियाँ चलाई। इस दौरान एक अल्पसंख्यक कश्मीरी हिन्दू सुनील कुमार भट्ट की मौत हो गई, जबकि उनके भाई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद से पुलिस और सुरक्षाबल अलर्ट मोड पर हैं। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के दिन भी आतंकियों ने दो जगहों पर ग्रेनेड अटैक किए थे। कुछ दिन पहले ही बडगाम में मुठभेड़ के दौरान आतंकी लतीफ राथर मारा गया था। इसके बाद दूसरी बार आम नागरिक पर आतंकियों ने हमला किया है।

बता दें कि घाटी में आतंकवादी लगातार टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पिछले हफ्ते बांदीपोरा जिले में आतंकियों ने बिहार के एक मजदूर अमरेज की हत्या कर दी थी। इससे पहले भी आतंकी कई कश्मीरी हिन्दुओं को मौत के घाट उतार चुके हैं। इसके कारण घाटी में बसे हिंदुओं में डर का माहौल है। वे यहाँ से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। अल्पसंख्यक हिन्दू सरकारी कर्मचारियों ने कश्मीर के कुलगाम जिले में 2 जून 2022 को इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद 3 जून को कश्मीर छोड़ने का फैसला लिया था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया