दक्षिण कश्मीर के नौगाम में आतंकवादियों ने भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गुल मोहम्मद मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार (4 मई) को हुए इस हत्याकांड को उन्हीं के घर में अंजाम दिया गया। सीने और पेट में गोलियाँ लगने के बाद मीर को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यह हत्याकांड ठीक उसी समय हुआ है जब कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दहशतगर्दों से रमजान के महीने में दहशतगर्दी और हिंसा न करने की अपील की थी।
दो बार के चुनावी उम्मीदवार भी थे मीर
मीर ने भाजपा के टिकट पर 2008 और 2014 के विधानसभा चुनाव भी लड़े थे। गौरतलब है कि देश की अन्य विधानसभाओं के 5-वर्षीय कार्यकाल से अलग कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। राज्य भाजपा के प्रवक्ता अतलाफ ठाकुर ने कहा कि दहशतगर्दों से खतरा होने के बावजूद सरकार ने मीर की सुरक्षा हटा दी थी।
महबूबा के बयान की तीखी आलोचना
इस बीच महबूबा मुफ़्ती के बयान की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। इसे केवल रमजान में शांति बनाए रखने और बाकी समय हिंसा जारी रखने को उनका अव्यक्त समर्थन माना जा रहा है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा:
एक अन्य ने भी सवाल खड़े करते हुए प्रतिक्रिया दी:
महबूबा ने सरकार से भी रमजान के महीने में दहशतगर्दों के खिलाफ अभियान रोक देने और सर्च ऑपरेशन न करने की अपील की है। उनके मुताबिक इससे कश्मीर के लोग कम-से-कम के महीने सुकून से रह सकेंगे। महबूबा की अपील के परिप्रेक्ष्य में यह याद कर लेना जरूरी है कि 2017 में रमजान के कुछ ही दिन बाद दहशतगर्दों ने अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हिन्दू श्रद्धालुओं के काफिले पर हमला कर 7 श्रद्धालुओं की हत्या कर दी थी।